Hrithik Roshan की पहली फिल्म से पहले की एक मेहनत भरी कहानी क्या था वो राज जो उन्हे छुपाना पड़ा

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता Hrithik Roshan को उनकी एक्टिंग के साथ-साथ जबरदस्त डांस और आकर्षक लुक्स के लिए भी जाना जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले और यहां तक कि अपने पहले अवॉर्ड स्पीच तक पहुंचने के लिए भी काफी संघर्ष किया था। ऋतिक ने अपने करियर की शुरुआत साल 2000 में आई फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से की थी जो सुपरहिट रही थी। इस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया था। लेकिन जब उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट डेब्यू एक्टर का अवॉर्ड मिलने वाला था तो उन्होंने उसके लिए खास तैयारी की थी।
‘दुबई’ बोलने के लिए घंटों बाथरूम और अलमारी में की थी प्रैक्टिस
दरअसल Hrithik Roshan अवॉर्ड शो के लिए दुबई गए थे और मंच से बोलना चाहते थे, ‘आई लव यू दुबई’। लेकिन समस्या ये थी कि उन्हें बचपन से ही हकलाने की परेशानी थी और ‘दुबई’ शब्द बोलने में उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी। उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने इस एक शब्द को ठीक से बोलने के लिए घंटों बाथरूम और अलमारी में छिपकर प्रैक्टिस की थी। वह नहीं चाहते थे कि अवॉर्ड के उस ऐतिहासिक पल में उनकी हकलाहट आड़े आए। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने मंच से ‘दुबई’ शब्द सही तरीके से बोलकर लोगों का दिल जीत लिया।
25 साल तक जूझते रहे थे हकलाने की समस्या से
ऋतिक रोशन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे करीब 20 से 25 साल तक हकलाने की समस्या से जूझते रहे। बचपन से ही उन्हें बोलने में दिक्कत होती थी और लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपने परिवार के सहयोग से उन्होंने स्पीच थेरेपी ली और खुद भी काफी मेहनत की। उनकी यह लगन ही थी कि वह आज इतने बेहतरीन संवाद अदायगी कर पाते हैं। ‘कहो ना प्यार है’ में अमीषा पटेल उनके साथ थीं और यह दोनों की पहली फिल्म थी। इस फिल्म के बाद दोनों एक ही रात में सितारे बन गए थे।
अखबार ज़ोर से पढ़ते थे और डायलॉग याद करने में लगाते थे घंटों
हकलाने की परेशानी से निजात पाने के लिए ऋतिक ने एक अनोखा तरीका अपनाया था। वह हिंदी और अंग्रेजी के अखबार ज़ोर-ज़ोर से पढ़ते थे ताकि उनकी ज़ुबान खुल सके और शब्दों को सही से बोलने की आदत बन जाए। शूटिंग के दौरान उन्हें डायलॉग बोलने में भी दिक्कत आती थी लेकिन वह हर सीन के पहले घंटों तक रिहर्सल करते थे। अगर किसी दिन स्क्रिप्ट में अचानक बदलाव हो जाता था तो ऋतिक को फिर से सबकुछ याद करने में काफी समय लगता था। उन्होंने कभी इस कमजोरी को अपने करियर के बीच में नहीं आने दिया और आज वह उन गिने-चुने सितारों में से हैं जिनकी एक्टिंग की दुनिया भर में तारीफ होती है।