सत्यखबर, दिल्ली
कोरोना महामारी की दूसरी लहर आते ही स्कूलों को बंद कर दिया गया था। अब पांच महीने बाद स्कूलों को फिर से सामान्य रूप से खोला जा रहा है। जिसको लेकर विशेषज्ञों, छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बहस शुरू हो गई है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि जब तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक स्कूल बंद ही रखने चाहिए। हालांकि इस मामले में एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया की राय एकदम अलग है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर वैक्सीन आ भी जाती है, तो भारत में सभी बच्चों का टीकाकरण करने में नौ महीने तक का समय लगेगा। अगर वैक्सीन का इंतजार करेंगे तो अगले साल के मध्य तक स्कूल बंद रहेंगे।
इतने लंबे वक्त तक स्कूलों को बंद करना सही नहीं है। जिस वजह से वो स्कूल खुलने का समर्थन करते हैं। साथ ही बच्चों के लिए ये मानसिक रूप से सही रहेगा।उन्होंने आगे कहा कि केरल में मामले बहुत ज्यादा आ रहे हैं, ऐसे में वहां पर स्कूल नहीं खुलने चाहिए, लेकिन दिल्ली जैसे राज्य जहां पर पॉजिटिविटी रेट कम है वहां पर स्कूल खोलना जरूरी है। कई बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने का विकल्प नहीं होता है।
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ऐसे में स्कूल खोलने से सबको फायदा होगा। डॉ. गुलेरिया ने स्कूल स्टॉफ और शिक्षकों को जल्द से जल्द टीका लगाने पर जोर दिया। साथ ही स्कूल में भीड़ को रोकने के कदम उठाने की भी बात कही। उनका मानना है कि अगर स्कूल में ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए जाते हैं, तो तुरंत उन्हें बंद करना चाहिए।
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