Amritpal Singh: सांसद अमृतपाल सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, NSA के बाद अब इस मामले में UAPA लगाया गया
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Amritpal Singh: पंजाब के फरीदकोट जिले के हरी नौ गांव में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह समेत अन्य आरोपियों पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) लगाया है। गुरप्रीत सिंह की 10 अक्टूबर 2024 को उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में सांसद अमृतपाल सिंह और आतंकवादी अर्श डल्ला का नाम शामिल किया है।
NSA के बाद अब UAPA भी लगाया गया
23 अक्टूबर को कोटकपूरा पुलिस ने एफआईआर में BNS की धारा 111 (संगठित अपराध) को जोड़ा। वहीं, अमृतपाल सिंह और उनके नौ साथियों को पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। अब, इस फरीदकोट मामले में UAPA की धाराओं को जोड़े जाने के बाद उनकी कानूनी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। पंजाब पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले UAPA की धाराएं जोड़ी हैं।
UAPA क्यों लगाया गया?
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को निर्धारित 90 दिनों की अवधि में कोर्ट में चार्जशीट पेश करने में कठिनाई हो रही थी। ऐसे में आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत से रोकने के लिए UAPA का सहारा लिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “यह हत्या राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने और अशांति फैलाने के लिए की गई एक साजिश थी। हमारे पास सभी आरोपियों को कई अवैध गतिविधियों से जोड़ने के पुख्ता सबूत हैं, इसी वजह से UAPA लगाया गया है।”
क्या है पूरा मामला?
गुरप्रीत सिंह (30 वर्ष) पेशे से अधिवक्ता थे और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। अक्टूबर 2024 में, दो बाइक सवार अपराधी फरीदकोट आए और उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में गुरप्रीत सिंह की मौत हो गई।
जब गुरप्रीत सिंह पर हमला हुआ, उस समय वह पंचायत चुनावों के लिए प्रचार अभियान से लौट रहे थे। इस हत्या के मामले में पुलिस को सांसद अमृतपाल सिंह की संलिप्तता के सबूत मिले थे।
हत्या की साजिश में गैंगस्टर अर्श डल्ला भी शामिल
पुलिस जांच के दौरान यह पता चला कि इस हत्या की साजिश में गैंगस्टर अर्श डल्ला भी शामिल था। अर्श डल्ला एक कुख्यात गैंगस्टर है, जो पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रह चुका है।
पुलिस का दावा: सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी हत्या
पुलिस का कहना है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका मकसद अशांति फैलाना और राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करना था। मामले की जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि आरोपियों ने यह साजिश पूरी योजना के साथ रची थी।
आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी
UAPA की धाराएं जुड़ने के बाद, अब आरोपियों के खिलाफ पुलिस को अधिक समय मिल गया है। पुलिस अब चार्जशीट तैयार कर रही है और इसे जल्द ही कोर्ट में पेश करेगी।
हत्या के पीछे छिपे मकसद की जांच जारी
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गुरप्रीत सिंह की हत्या के पीछे और कौन-कौन से मकसद हो सकते हैं। साथ ही, इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं, उनकी भी जांच की जा रही है।
इस पूरे मामले में UAPA और NSA जैसी धाराओं के लागू होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस इसे गंभीर अपराध मानकर जांच कर रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं और आरोपी किस तरह से अपनी सफाई पेश करते हैं।