Amritsar: अमृतसर पुलिस के अधीन आनंद विहार क्षेत्र में शुक्रवार रात एक आरोपित ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जो दो साल पहले उसकी गिरफ्तारी में शामिल थे। आरोपी लवप्रीत, जो हत्या के प्रयास के मामले में आरोपित है, अपने परिवार के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर टूट पड़ा।
पुलिस की गिरफ्तारी का बदला:
हेड कांस्टेबल सुखराज सिंह और कांस्टेबल हरविंदर सिंह उस समय गश्त पर थे जब उन्होंने लवप्रीत के घर के पास से गुजरते हुए उसे देखा। लवप्रीत की मां, राजविंदर कौर ने जब अपने बेटे को पुलिसकर्मियों को नियंत्रित करने के लिए कहा, तब आरोपी ने अपने परिवार के साथ मिलकर दोनों पुलिसकर्मियों को घेर लिया और उन्हें अपनी मोटरसाइकिल से नीचे फेंक दिया।
सुखराज सिंह ने बताया कि उन दोनों पर परिवार ने लातों-घूसों से हमला किया। कांस्टेबल हरविंदर किसी तरह वहाँ से भागने में सफल हुए, जबकि सुखराज को गंभीर स्थिति में छोड़ दिया गया। सुखराज के बयान पर लवप्रीत, उसके भाई-बीवी प्रभजीत सिंह, मां राजविंदर, बहन मंदीप और पिता नीरज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एक वकील पर भी हमला:
इस बीच, एक और घटना में, लवप्रीत ने एक वकील पर भी हमला किया और उसकी लाइसेंस प्राप्त पिस्तौल और सोने की चेन छीन ली। वकील दीपुल नेगी पर रंजीत एवेन्यू पुलिस थाने के अंतर्गत स्कॉच बैरल रेस्तरां के पास हमला किया गया था। दीपुल को तेज धार वाले हथियार और सोडा की बोतलों से चोटें आईं।
दीपुल ने पुलिस को बताया कि वह घटना के समय अपने पिता विक्रम नेगी और दोस्त दमनप्रीत के साथ रेस्तरां के बाहर खड़ा था। उसके पिता और दोस्त वहां से चले गए, और उसी दौरान आरोपितों ने उसे अकेला देखकर गालियाँ दीं। इसके बाद, एक आरोपित ने उसे सोडा की बोतल से सिर पर हमला किया। जब उसने अपने बचाव का प्रयास किया, तो अन्य आरोपियों ने उसे धारदार हथियारों से हमला कर दिया और उसकी पिस्तौल, चार कारतूस और सोने की चेन छीनकर फरार हो गए।
पुलिस की प्रतिक्रिया:
जैसे ही पुलिस को घटना की जानकारी मिली, वे मौके पर पहुँचीं। ASI गुरुबहिज सिंह ने बताया कि मामले की जांच के बाद, कंवर नौनिहाल सिंह, अंग्रेज़ सिंह और उनके छह अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ये सभी आरोपी मजीठा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नाग कलां गांव के निवासी हैं। दीपुल ने पुलिस को बताया कि आरोपियों के साथ उसका पुराना विवाद था और इसी कारण उन्होंने उस पर हमला किया।
भविष्य की चुनौतियाँ:
ये घटनाएँ अमृतसर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर प्रश्न उठाती हैं। पुलिस के लिए ये चुनौती है कि कैसे वे अपराधियों को काबू में रखें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। खासकर जब आरोपी पहले से ही पुलिस के निशाने पर रहे हों और उनकी गिरफ्तारी का बदला लेने का इरादा रखते हों।
समाज पर प्रभाव:
अधिकारियों का मानना है कि ऐसी घटनाएँ समाज में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती हैं। नागरिकों को इस तरह की घटनाओं से सतर्क रहने की जरूरत है और पुलिस को भी अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
अमृतसर में पुलिसकर्मियों पर हुए इस हमले और वकील पर हुए हमले ने समाज के एक महत्वपूर्ण पहलू को उजागर किया है। यह समय है कि प्रशासन और नागरिक एक साथ मिलकर इस स्थिति का समाधान करें। ऐसे मामलों में कानून का कड़ा पालन और सख्त सजा सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।
उम्मीद है कि इस घटना से संबंधित सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें उचित सजा मिलेगी, ताकि समाज में कानून और व्यवस्था बनी रहे।