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Anupam Kher In Maha Kumbh 2025: त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के बाद अनुपम खेर की आंखें हुईं नम, वीडियो शेयर कर लिखा- ‘अब मेरा जीवन सफल हो गया’

Anupam Kher In Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम नगरी पहुंच रहे हैं और पवित्र स्नान कर अपने जीवन को धन्य कर रहे हैं। इस अद्भुत आयोजन में बॉलीवुड सेलेब्रिटीज भी अपनी श्रद्धा और उत्साह दिखा रहे हैं। हाल ही में, बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने महाकुंभ में हिस्सा लेते हुए त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान अनुपम खेर भावुक हो गए और उन्होंने अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर साझा किया।

अनुपम खेर का आध्यात्मिक अनुभव

बुधवार को अनुपम खेर ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। स्नान के दौरान वह मंत्रों का जाप करते हुए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। इस पल को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो के जरिए साझा किया। वीडियो में अनुपम खेर पूरी तरह आध्यात्मिक माहौल में डूबे नजर आ रहे हैं। उन्होंने इसे अपने जीवन का एक बेहद भावनात्मक क्षण बताया और कहा कि उनका जीवन अब “सफल” हो गया है।

वीडियो शेयर करते हुए अनुपम ने कैप्शन में लिखा,
“महाकुंभ में गंगा स्नान करके जीवन सफल हुआ!! पहली बार उस स्थान पर पहुंचकर मंत्र उच्चारण किए जहां मां गंगा, जमुना जी और सरस्वती जी का संगम होता है। प्रार्थना करते-करते अश्रु स्वयं ही आंखों से बहने लगे। संयोग देखिए! ऐसा ही ठीक एक साल पहले आज ही के दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठान के समय हुआ था। सनातन धर्म की जय।”

महाकुंभ के महत्व को बताया अद्भुत अनुभव

अनुपम खेर ने अपने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना उनके लिए एक अनमोल पल था। उन्होंने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया। वीडियो में वह गंगा नदी की प्रशंसा करते हुए और मंत्रों का जाप करते हुए दिखे। उनके शब्दों में, “यह अनुभव सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि जीवन को एक नई दिशा देने वाला है।”

सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ

अनुपम खेर ने प्रयागराज महाकुंभ को सफल और सुरक्षित तरीके से आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सराहना की। उन्होंने महाकुंभ के दौरान व्यवस्थाओं को देखकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में अनुपम ने कहा,

 Anupam Kher In Maha Kumbh 2025: त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के बाद अनुपम खेर की आंखें हुईं नम, वीडियो शेयर कर लिखा- 'अब मेरा जीवन सफल हो गया'
“मैं इस आध्यात्मिक सभा में भाग लेने के लिए यहां आया हूं। यहां सभी क्षेत्रों के लोगों को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए बधाई देता हूं।”

भावनात्मक पल ने बनाया खास दिन

अनुपम खेर ने संगम पर स्नान करते समय अपने भावुक होने का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि इस दिन उन्हें महसूस हुआ कि सनातन धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास कितना गहरा है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल इसी दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठान के दौरान भी वह ऐसे ही भावुक हो गए थे।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। संगम पर स्नान कर लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और परंपराओं का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और सुविधा का खास ख्याल रखा गया है, ताकि हर श्रद्धालु को दिव्य अनुभव मिल सके।

महाकुंभ: भारतीय संस्कृति की पहचान

महाकुंभ मेले का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और लाखों लोगों को संगम नगरी में एकजुट करता है। महाकुंभ भारत की प्राचीन परंपराओं और सनातन धर्म के मूल्यों का प्रतीक है। यहां न केवल भारत के अलग-अलग कोनों से, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लोग आते हैं और इस अनुभव का हिस्सा बनते हैं।

अनुपम खेर की फैंस से अपील

अनुपम खेर ने महाकुंभ में भाग लेने के बाद अपने फैंस और सभी भारतीयों से अपील की कि वे भी इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि यह जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है, जिसे हर किसी को महसूस करना चाहिए।

महाकुंभ में बॉलीवुड की भागीदारी

अनुपम खेर जैसे बड़े सितारों की उपस्थिति महाकुंभ को और खास बनाती है। इससे यह संदेश जाता है कि बॉलीवुड सेलेब्स भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरा जुड़ाव रखते हैं।

महाकुंभ 2025 में अनुपम खेर की पवित्र स्नान के दौरान हुई भावनात्मक यात्रा ने यह साबित कर दिया कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और जीवन को नया दृष्टिकोण देने का माध्यम है। उनके अनुभव ने महाकुंभ के महत्व को और बढ़ा दिया है। महाकुंभ सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि भारतीयता का जश्न है।

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