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पश्चिमी UP में क्षत्रिय समुदाय BJP से नाराज हैं? मुख्यमंत्री Yogi ने नुकसान नियंत्रण में दाखिले हो गए, पंकज सिंह भी मैदान में उतरे

Meerut: चुनावी समय में क्षत्रिय समाज की बढ़ती गर्मी और दूसरी तरफ CM Yogi Adityanath की क्षत्रिय बाहुल्य इलाकों में लगातार जनसभाएं…यह कोई संयोग नहीं, बल्कि चुनावी मजबूरियों का दुष्परिणाम है.

ठाकुर वोटों की दिशा तय करने के लिए BJP ने तरकश के तमाम भावनात्मक तीर चला दिए हैं, लेकिन 16 अप्रैल को क्षत्रिय समाज ने ठाकुर चौबीसी के खेड़ा में पंचायत कर BJP को ये संदेश देने की कोशिश की है कि ”प्राण जय पर वचन न जाई” .

18 अप्रैल को CM Yogi मेरठ के क्षत्रिय बाहुल्य गांव सिसौली और गाजियाबाद के धौलाना में जनसभा कर मास्टर स्ट्रोक खेलेंगे. दूसरी ओर, BJP के राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर और नोएडा के विधायक पंकज सिंह को गर्मी खत्म करने के लिए मेरठ के तीन ठाकुर बहुल गांवों में डेरा डालने के लिए कहा गया है।

दबाव की राजनीति या जातीय संघर्ष

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार मुद्दों की जगह सत्ता की लड़ाई और पार्टी में जातीय भागीदारी ने ले ली है. लोकसभा के टिकट वितरण के दौरान ही क्षत्रियों के गुस्से की जमीन तैयार हो गई थी. गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह की जगह अतुल गर्ग को टिकट दिए जाने पर क्षत्रिय समाज ने विरोध में पंचायतें आयोजित करना शुरू कर दिया है.

सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम और मुजफ्फरनगर सांसद डॉ. संजीव बालियान के बीच बयानों के आदान-प्रदान से राजनीतिक हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं।

CM का सम्मान, लेकिन जिद भी बरकरार

31 मार्च को प्रधानमंत्री Narendra Modi की मेरठ में हुई जनसभा के बाद CM Yogi ने बलियान और सोम को एक साथ बैठाया था. 10 मार्च को चौबीसी के रार्धना गांव में एक जनसभा में मुख्यमंत्री ने दोनों को एक साथ बैठाया था. हालांकि, पहले Yogi-Yogi, फिर सोम जिंदाबाद और बलियान के खिलाफ जनसभा में लगे नारों ने साफ कर दिया कि रिश्तों की कड़वाहट में मिठास की गुंजाइश कम ही है.

थोड़ी देर बाद बलियान पर सोम के बयान ने “राजनीतिक दुश्मनी” को व्यक्तिगत बना दिया. BJP भी असहज हो गई. इसके बाद क्षत्रियों में आक्रोश को संभालने के लिए प्रदेश इकाई ने 12 अप्रैल को कैराना के गंगोह और सहारनपुर लोकसभा के बड़गांव में CM Yogi की सभा आयोजित की.

सभाओं में राणा प्रताप का जिक्र

क्षत्रिय बहुल गांवों में बैठकें की गईं, जहां CM Yogi ने राणा प्रताप, राणा सांगा समेत कई महापुरुषों का जिक्र कर क्षत्रियों को राष्ट्रवाद की सीख दी और मतभेद पैदा करने वालों को कालनेमि और रक्तबीज तक कहा.

अब मेरठ के खेड़ा गांव में क्षत्रियों की बड़ी पंचायत से साफ हो गया है कि BJP उन्हें अपने पाले में नहीं कर पाई है, ऐसे में CM 18 अप्रैल को सिसौली की जनसभा में नए तीर चला सकते हैं.

युवा मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुखविंदर सोम कहते हैं, “क्षत्रिय समाज पूरी तरह से BJP के साथ है. पंचायत के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रवाद से ओतप्रोत समाज कमल खिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.”

जिला उपाध्यक्ष आशीष प्रताप सिंह कहते हैं, “BJP एक अनुशासित पार्टी है जहां हर किसी की बात सुनी जाती है. ऐसा कोई विरोध नहीं होना चाहिए जिसमें सत्ता को गलत हाथों में धकेलने की अवधारणा हो.”

16 अप्रैल को BJP चुनाव कार्यालय में कई लोगों को पार्टी में शामिल कराया गया. यहां वार्ड-53 के पार्षद संजीव पुंडीर गए थे, लेकिन उन्हें भगवा पटका नहीं दिया गया। अगले दिन संजीव खेड़ा पंचायत पहुंचा। संगठन ने उन्हें क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाकर BJP की सदस्यता दिलाई।

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