Arvind Kejriwal News: “क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली में दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे? बीजेपी के दावों पर दिया बड़ा बयान”
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Arvind Kejriwal News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) यह दावा कर रही है कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार सकते हैं और ऐसी स्थिति में वह एक और सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
केजरीवाल ने इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं केवल एक सीट से चुनाव लड़ रहा हूं।” इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के दावों का खंडन किया और अपनी स्थिति को साफ किया।
बीजेपी के दावे पर केजरीवाल का स्पष्ट बयान
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली का चुनाव आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के बीच है। यह चुनाव इंडिया ब्लॉक (INDIA alliance) का चुनाव नहीं है। हम उन सभी पार्टियों के आभारी हैं जो हमारे समर्थन में हैं।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित बीजेपी के पैरों पर खेल रहे हैं और वही काम कर रहे हैं, जो कांग्रेस कहती है।
बीजेपी द्वारा किए गए दावों का खंडन करते हुए केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह एक सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उनका यह बयान बीजेपी के उन आरोपों को नकारता है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि वह एक सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं यदि वह नई दिल्ली सीट से हारते हैं।
केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीति को बताया AAP और BJP के बीच
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव को लेकर यह भी कहा कि यह सिर्फ आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच की लड़ाई है। उन्होंने अन्य पार्टियों का नाम लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी को सभी से समर्थन मिला है, लेकिन यह चुनाव दो प्रमुख पार्टियों के बीच है। उनके इस बयान से यह साफ होता है कि वह चुनावी प्रचार में अपने विरोधियों पर हमला करने से भी पीछे नहीं हटेंगे और अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखेंगे।
दिल्ली चुनाव में केजरीवाल की बड़ी जीतें
अरविंद केजरीवाल ने 2013 से लगातार तीन बार दिल्ली के नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। 2013 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पहली बार बड़े अंतर से हराया था। उस समय उन्होंने 44,269 वोट प्राप्त किए थे, जबकि शीला दीक्षित को 18,405 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे थे, जिन्होंने 17,952 वोट प्राप्त किए थे।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने फिर से बड़ी जीत दर्ज की। उस समय उन्होंने 57,213 वोट प्राप्त किए थे, जबकि बीजेपी की नुपुर शर्मा को 25,630 वोट मिले थे और कांग्रेस की किरन वालिया को 4,781 वोट मिले थे।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 46,758 वोट प्राप्त किए, जबकि बीजेपी के सुशील कुमार यादव को 25,061 वोट मिले और कांग्रेस के रमेश सबरवाल को 3,220 वोट मिले। इस प्रकार, लगातार तीन बार जीत के साथ केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की है और अब वह दिल्ली के लोगों के बीच अपनी छवि को और भी निखारने की कोशिश में हैं।
नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल का दबदबा
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर केजरीवाल की जीत ने यह साबित कर दिया है कि उनका जनाधार दिल्ली में मजबूत है। यह सीट दिल्ली की प्रमुख सीटों में से एक मानी जाती है और यहां से जीतने का मतलब है कि किसी भी पार्टी की राजनीति में मजबूती आना। केजरीवाल ने इस सीट पर जो जीत हासिल की है, वह सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता के विश्वास की जीत भी है।
हालांकि बीजेपी इस सीट को लेकर अपने दावे लगातार करती रही है, लेकिन केजरीवाल की लगातार जीत ने इन दावों को नकारा है। उनका कहना है कि दिल्ली के लोग उनके काम को लेकर उनके साथ हैं और वे दिल्ली की जनता से किए गए अपने वादों को निभाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
क्या बीजेपी के दावे केजरीवाल के लिए चुनौती हैं?
बीजेपी के दावे को लेकर केजरीवाल ने कहा कि वह एक सीट से ही चुनाव लड़ेंगे और कोई दूसरा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। उनका यह स्पष्ट बयान बीजेपी के आरोपों को खारिज करता है कि केजरीवाल एक सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का विचार कर रहे हैं।
यह कहना सही होगा कि बीजेपी के दावे और केजरीवाल के स्पष्ट बयान ने दिल्ली चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल में हलचल मचाई है। दिल्ली चुनावों में केवल आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई होनी है, और दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।
भविष्य में केजरीवाल की रणनीति
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव को लेकर जो बयान दिए हैं, उससे यह साफ है कि उनकी रणनीति बीजेपी के खिलाफ ही केंद्रित रहेगी। वह अपनी सरकार के कार्यों का प्रचार करेंगे और दिल्ली के लोगों से उनके काम के आधार पर वोट मांगेंगे।
नई दिल्ली सीट पर उनकी लगातार जीत यह साबित करती है कि दिल्ली में उनका जनाधार मजबूत है, और ऐसे में वे बीजेपी के आरोपों और दावों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि इस चुनावी मुकाबले में सिर्फ आम आदमी पार्टी और बीजेपी की ही लड़ाई होगी, और उन्होंने बाकी सभी दलों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया है।
अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी के दावों को नकारते हुए यह स्पष्ट किया है कि वह दिल्ली चुनाव में एक सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उनका बयान दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा दे रहा है, जहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। केजरीवाल की तीन बार जीत चुकी नई दिल्ली सीट पर उनकी पकड़ मजबूत है और वह दिल्ली के लोगों के बीच अपनी छवि को और भी बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।