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Arvind Kejriwal ने लोगों को दी नवरात्रि की शुभकामनाएं, जानें क्या कहा?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने शुक्रवार (11 अक्टूबर) को महानवमी के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, “शारदीय नवरात्रि के महानवमी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं। माँ दुर्गा का आशीर्वाद आपके जीवन में खुशहाली, शांति और समृद्धि बनाए रखे। जय माता दी।”

माँ दुर्गा सभी की इच्छाएं पूरी करें

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी महानवमी के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को दिल से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि माँ दुर्गा सभी की इच्छाओं को पूरा करें। आज दशहरे के पर्व का नौवां दिन है, जिसे महानवमी कहा जाता है। नवरात्रि के इस नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह माँ दुर्गा का वह रूप है, जो सिद्धि और मोक्ष देने वाली मानी जाती है। माँ दुर्गा के इस रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है और इनकी पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं।

सिद्धिदात्री की पूजा का महत्व

सिद्धिदात्री की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। कई पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने देवी सिद्धिदात्री से सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। सिद्धिदात्री की उपासना करने से भक्तों को उनके सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ये देवी लक्ष्मी के समान कमल के फूल पर विराजमान होती हैं और उनके हाथों में कमल, गदा, सुदर्शन चक्र और शंख होता है। इस दिन देवी की पूजा नवाहन प्रसाद, नौ प्रकार के फलों और फूलों से की जाती है।

पूजा की विधि

इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व है। भक्तगण इस दिन विधिपूर्वक देवी की आराधना करते हैं। पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:

  1. कमल का फूल: सिद्धिदात्री देवी का विशेष प्रिय फूल है। इसे पूजा में अर्पित किया जाता है।
  2. नवाहन प्रसाद: इस प्रसाद में नौ प्रकार के फलों का समावेश होता है, जो देवी को अर्पित किए जाते हैं।
  3. पवित्र वस्त्र: देवी को पवित्र वस्त्र पहनाए जाते हैं, जिन्हें पूजा के दौरान भक्त श्रद्धा पूर्वक अर्पित करते हैं।
  4. दीप जलाना: देवी के चरणों में दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  5. मंत्र जाप: माँ सिद्धिदात्री के विशेष मंत्रों का जाप करके भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

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माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप

माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप बेहद आकर्षक और दिव्य है। उनका एक हाथ कमल पकड़े हुए है, जबकि दूसरे हाथों में गदा, चक्र और शंख होता है। माँ सिद्धिदात्री की पूजा से न केवल भक्ति की भावना को मजबूती मिलती है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और शांति भी लाती है।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की महानता को भी दर्शाता है। यह पर्व देवी दुर्गा की शक्ति और संजीवनी के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं, देवी की आराधना करते हैं और अपने परिवार और समाज में सकारात्मकता का संचार करते हैं।

राजनीति में नवरात्रि का महत्व

अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा दी गई नवरात्रि की शुभकामनाएं एक राजनीतिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हैं। यह समय है जब राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जोड़ने के लिए ऐसे धार्मिक पर्वों का उपयोग करते हैं। इस तरह के उत्सवों के दौरान राजनीतिक नेता जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं और एकता एवं सामुदायिक भावना को बढ़ावा देते हैं।

देवी की उपासना का उद्देश्य

नवरात्रि के अवसर पर माँ दुर्गा की उपासना का उद्देश्य न केवल भक्ति करना है, बल्कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करना और सकारात्मकता का संचार करना भी है। इस दौरान भक्तजन अपनी दैनंदिन समस्याओं को दूर करने के लिए माँ दुर्गा से प्रार्थना करते हैं। माँ सिद्धिदात्री की पूजा से भक्त अपने जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव करते हैं।

पारंपरिक अनुष्ठान और संस्कार

नवरात्रि के दौरान पारंपरिक अनुष्ठान और संस्कारों का पालन किया जाता है। इस दौरान विशेष भजन-कीर्तन आयोजित किए जाते हैं, जहां भक्तगण मिलकर माँ दुर्गा की स्तुति करते हैं। इस तरह के अनुष्ठान न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि लोगों को एकजुट भी करते हैं।

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