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Assembly Election Result 2023: बीजेपी के कौन-कौन से सांसद रहे सफल ?

सत्य खबर/ नई दिल्ली:

Assembly Election Result 2023: Which BJP MPs were successful?

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में बड़ा दांव खेला था। पार्टी ने दिल्ली की राजनीति करने वाले नेताओं को विधानसभा के रण में उतारा. रविवार को आए नतीजों ने बीजेपी के इस कदम को सफल बताया है. हालांकि, दक्षिणी राज्य तेलंगाना में बीजेपी की यह रणनीति काम नहीं आई और उसके सभी सांसद चुनाव हार गए.
बीजेपी ने इन चार राज्यों में लोकसभा और राज्यसभा के 21 सांसदों को मैदान में उतारा था. मध्य प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा सात-सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है. एमपी से पांच, राजस्थान से चार और छत्तीसगढ़ से तीन सांसद विधानसभा चुनाव की परीक्षा पास करने में सफल रहे. तो आइए जानते हैं किसके हिस्से आई जीत और किसके हिस्से आई हार।

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मध्य प्रदेश
एमपी में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सभी को चौंका दिया है. इतना प्रचंड बहुमत मिलने से बीजेपी नेता खुद हैरान हैं. यहां पार्टी ने पूरे दमखम के साथ केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा था. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नरसिंहपुर, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते निवास (सुरक्षित), सांसद राकेश सिंह जबलपुर पश्चिम, सांसद रीति पाठक सीधी, सांसद गणेश सिंह सतना, सांसद राव उदय प्रताप सिंह . गाडरवारा से लड़े थे चुनाव. इन उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह को छोड़कर सभी जीतने में सफल रहे.

राजस्थान
मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी बीजेपी ने सात सांसदों को चुनावी रण में उतारा था, जिनमें से 6 लोकसभा और एक राज्यसभा से हैं. चुनाव नतीजे: सात में से चार सांसद जीतने में रहे सफल. सांसद दीया कुमारी विद्याधर नगर, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़, सांसद बाबा बालकनाथ तिजारा और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना सवाईमाधोपुर से जीते। वहीं सांसद भागीरश चौधरी किशनगढ़, देवजी पटेल सांचौर और नरेंद्र खेकड़ मंडावा से चुनाव हार गए.

छत्तीसगढ
सबसे चौंकाने वाले चुनाव नतीजे छत्तीसगढ़ के रहे. कांग्रेस जहां अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थी, वहीं बीजेपी को बस यही उम्मीद थी कि इस बार 2018 जैसा हश्र नहीं होगा. लेकिन पार्टी ने दमदार प्रदर्शन किया है और पांच साल बाद सत्ता में धमाकेदार वापसी की है. भगवा पार्टी ने यहां भी चार लोकसभा सांसदों को मैदान में उतारा था, जिनमें से तीन जीतने में सफल रहे. प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव लोरमी, गोमती साय पत्थलगांव और रेणुका सिंह भरतपूत-सोनहत से चुनाव जीतने में सफल रहीं. दुर्ग सांसद विजय बघेल को पाटन सीट से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने अपने चाचा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कड़ी टक्कर दी.

तेलंगाना
चार राज्यों में से तेलंगाना ही एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई और सिंगल डिजिट में ही सिमट गई. पार्टी ने यहां 8 सीटों पर जीत हासिल की है, जो 2018 की तुलना में निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन है. उस दौरान पार्टी को सिर्फ एक सीट मिली थी. हिंदी पट्टी के राज्यों की तरह बीजेपी ने यहां भी अपने तीन सांसदों को मैदान में उतारा था. लेकिन पार्टी का ये दांव यहां उल्टा पड़ गया. बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को करीमनगर से, धर्मपुरी अरविंद को कोरात्ला से और सोयम बाबू को दोनों से मैदान में उतारा था. तीनों अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे.

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