Assembly elections: महाराष्ट्र, झारखंड चुनाव तारीखों का हुआ ऐलान! यूपी उपचुनाव पर भी आई बड़ी खबर
Assembly elections: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद अब सभी की नजरें महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिकी हैं। अब चुनाव आयोग इन राज्यों में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। खबर है कि आज चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है। जानकारी के अनुसार, इन राज्यों में विधानसभा चुनाव नवंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होने की संभावना है। इसके साथ ही यूपी उपचुनाव की तारीख का भी ऐलान आज हो सकता है।
महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है
मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है जबकि झारखंड में 29 दिसंबर को। आमतौर पर चुनाव आयोग सरकार के कार्यकाल समाप्त होने से 45 दिन पहले आचार संहिता लागू कर देता है। लेकिन अगर महाराष्ट्र सरकार के कार्यकाल पर नजर डालें तो अब केवल 40 दिन बचे हैं। यही कारण है कि राजनीतिक हलकों में चुनाव की तारीखों की घोषणा को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
दिवाली, छठ को ध्यान में रखते हुए तारीखों की होगी घोषणा
चुनाव आयोग इस बार कई त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तारीखों का ऐलान करेगा। 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक दिवाली है और झारखंड में छठ पूजा मनाई जाती है। इस दौरान महाराष्ट्र में काम करने वाले बिहारी मतदाता अपने घर लौटते हैं। इसके अलावा, नवंबर में देव दीपावली भी है। इसलिए, चुनाव आयोग नवंबर के दूसरे सप्ताह के अंत में चुनाव कराने की योजना बना सकता है ताकि प्रवासी मतदाता त्योहारों के बाद वापस लौट सकें और मतदान में भाग ले सकें।
यूपी और वायनाड में उपचुनाव कब होंगे?
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के साथ ही चुनाव आयोग यूपी और वायनाड में होने वाले उपचुनावों की तारीखों की भी घोषणा कर सकता है। जब केंद्रीय चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान किया था, तब उन्होंने बताया था कि कई राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं आई हुई हैं, जिसके कारण उपचुनाव की तारीखों का ऐलान उस समय नहीं किया गया था। अब जैसे ही स्थिति सामान्य होती है, उपचुनाव की तारीखें तय की जाएंगी। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग आज विधानसभा चुनावों के साथ उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर सकता है।
राजनीतिक दलों की तैयारियाँ जोरों पर
चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही महाराष्ट्र और झारखंड में राजनीतिक दलों की तैयारी तेजी से बढ़ गई है। महाराष्ट्र में शिवसेना, बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सियासी लड़ाई देखने को मिलेगी। शिवसेना और एनसीपी का गठबंधन महाराष्ट्र में सरकार चला रहा है, जबकि बीजेपी विपक्ष में है। वहीं झारखंड में बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि दोनों राज्यों में चुनाव पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से कराए जाएं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे, खासकर उन इलाकों में जहां संवेदनशीलता अधिक है। चुनाव आयोग ने सुरक्षा एजेंसियों को तैयार रहने का निर्देश दिया है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा या हिंसा से बचा जा सके।
आचार संहिता के लागू होने के बाद स्थिति
जैसे ही चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करेगा, महाराष्ट्र और झारखंड में आचार संहिता लागू हो जाएगी। आचार संहिता लागू होने के बाद, राज्य सरकारें कोई नई योजना या घोषणा नहीं कर सकेंगी। इसका उद्देश्य चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराना है, ताकि कोई भी पार्टी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके।
मौसम और प्राकृतिक आपदा की चुनौतियाँ
चुनावों की तारीखों का ऐलान करते समय मौसम और प्राकृतिक आपदा का भी ध्यान रखा जा रहा है। खासकर झारखंड में इस समय प्राकृतिक आपदाएं और भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए समय दिया जा रहा है। चुनाव आयोग इन सभी बातों को ध्यान में रखकर तारीखों का ऐलान करेगा ताकि मतदान प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
यूपी में उपचुनाव की अहमियत
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का राजनीतिक महत्व भी बढ़ गया है। उपचुनाव से बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बसपा, और कांग्रेस के लिए राज्य में अपनी पकड़ को मजबूत करने का अवसर है। हर चुनाव का परिणाम अगले चुनावों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए सभी राजनीतिक दल उपचुनावों पर भी खास नजर बनाए हुए हैं।
वायनाड में उपचुनाव पर नजरें
वायनाड में भी उपचुनाव होने जा रहे हैं, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया है। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट से जीत हासिल की थी, और इस बार उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है। इस उपचुनाव का राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर पड़ सकता है, इसलिए इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।