Ban on firecrackers: दिवाली से पहले पंजाब सरकार का बड़ा फैसला
Ban on firecrackers: दिवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नए साल के अवसर पर पंजाब सरकार ने राज्य में पटाखों की बिक्री और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए व्यापक नियम जारी किए हैं। इस फैसले के अंतर्गत पटाखों की संगीनी (चेन पटाखे) पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
पटाखों की बिक्री पर रोक
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे फ्लिपकार्ट और अमेज़न को ऑनलाइन आदेश लेने या बिक्री की सुविधा प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य में कॉम्पोजिट पटाखों (चेन पटाखे) के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम उन नियमों के पालन के लिए उठाया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा पहले ही स्थापित किए गए थे।
केवल ‘ग्रीन पटाखों’ की अनुमति
राज्य सरकार ने केवल ‘ग्रीन पटाखों’ के उपयोग और बिक्री की अनुमति दी है। ग्रीन पटाखे वे होते हैं, जो बैरियम लवण, एंटीमनी, लिथियम, पारा, आर्सेनिक, सीसा या स्ट्रोन्टियम क्रोमेट जैसे यौगिकों से मुक्त होते हैं। इसके अतिरिक्त, पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंसधारी व्यापारियों द्वारा की जा सकती है, जो केवल निर्धारित पटाखों के साथ ही व्यापार करते हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित डेसिबल स्तर से ऊपर के पटाखों का भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री करना प्रतिबंधित है। यह सभी प्रतिबंध पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत लागू किए गए हैं।
ऑनलाइन ऑर्डर पर रोक
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि पंजाब में ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को पटाखों का ऑनलाइन ऑर्डर करने या बेचने की अनुमति नहीं है। इसके संदर्भ में, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का उल्लेख किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त पटाखों का निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग निषिद्ध किया गया है।
पटाखों को जलाने का समय
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि विभिन्न त्योहारों पर पटाखों को जलाने का समय क्या होगा:
- दिवाली (31 अक्टूबर): रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक
- गुरु पर्व (15 नवंबर): सुबह 4:00 बजे से 5:00 बजे तक और रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक
- क्रिसमस (25-26 दिसंबर) और नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर-1 जनवरी): रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक
लाइसेंस के बिना पटाखों की बिक्री पर रोक
सरकार के आदेश के अनुसार, केवल लाइसेंसधारी व्यापारी ही पटाखों की बिक्री कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन पटाखों की बिक्री या भंडारण पर भी प्रतिबंध है, जिनकी आवाज़ निर्धारित डेसिबल स्तर से अधिक है। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने पहले ही इन नियमों को स्थापित किया था।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
यह सभी कदम पर्यावरण सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं। पटाखों से होने वाले प्रदूषण, खासकर वायु प्रदूषण, और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए सरकार ने यह कठोर निर्णय लिया है। पटाखों से निकलने वाले धुएं और ध्वनि प्रदूषण के कारण कई लोग, विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग, गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं।
समाज में बढ़ती जागरूकता
हाल के वर्षों में, पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। कई नागरिक संगठन और पर्यावरणविद् इस मुद्दे पर आवाज उठाते रहे हैं। पंजाब सरकार का यह कदम उन सभी प्रयासों को मान्यता देता है। नागरिकों में भी अब पटाखों के उपयोग के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है।
सामाजिक दायित्व
इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। नागरिकों का भी यह दायित्व बनता है कि वे नियमों का पालन करें और पर्यावरण के प्रति सजग रहें। हमें यह समझना होगा कि हम जो भी करते हैं, उसका प्रभाव न केवल हमारे स्वास्थ्य पर बल्कि हमारे आस-पास के पर्यावरण पर भी पड़ता है।