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Bhopal: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, लोग कर रहे हैं विरोध

Bhopal: मध्य प्रदेश के पीथमपुर  में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि भोपाल से पीथमपुर  तक कचरे को लाकर उसे जलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। याचिका में कहा गया है कि पीथमपुर  के लोगों से बिना राय लिए इस फैसले को लिया गया है, और अगर वहां कचरे को जलाया जाता है तो इससे रेडिएशन का खतरा हो सकता है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो पीथमपुर  में उचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा।

पीथमपुर  के लोग कर रहे हैं विरोध

दरअसल, पीथमपुर , मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के रासायनिक कचरे के निपटान को लेकर भारी हंगामा मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार ने कचरा वहां भेजा है और अब इसे नष्ट करने की तैयारियां की जा रही हैं। इस दौरान पीथमपुर  के लोग इस पर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कचरे को कहीं और जलाया जाना चाहिए, ताकि यहां के लोगों को कोई समस्या न हो। उनका यह भी कहना है कि इस कचरे से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

पीथमपुर  के लोगों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए अपील की है कि लोग अफवाहों पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी कदम उठा रही है, वह सभी के भले के लिए है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कांग्रेस नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि जिन लोगों के शासनकाल में 40 साल पहले भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, वे आज भी लोगों में भ्रम फैलाने से नहीं चूक रहे हैं।

Bhopal: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, लोग कर रहे हैं विरोध

मुख्यमंत्री की अपील: अफवाहों पर न विश्वास करें

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीथमपुर  के लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा, “जो लोग भोपाल गैस त्रासदी के दौरान जिम्मेदार थे, वे आज भी गलत जानकारी फैलाकर लोगों में भय उत्पन्न कर रहे हैं। यह सभी बातें ignorance (अज्ञानता) पर आधारित हैं। अगर कोई वोट राजनीति के लिए गलत बातें फैलाता है, तो हम उसे निंदित करते हैं और लोगों को इससे बचने का आग्रह करते हैं।”

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार इस पूरे मामले में पूरी तरह से सतर्क है और जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, वे सभी नागरिकों के भले के लिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कचरा पीथमपुर  भेजा गया है, वह पूरी तरह से नियंत्रित तरीके से जलाया जाएगा और इससे पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में पीथमपुर  में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में यह कहा गया है कि इस कचरे से रेडिएशन का खतरा हो सकता है, जो पीथमपुर  के लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि पीथमपुर  के स्थानीय लोगों से बिना राय लिए यह कदम उठाया गया है, जिससे लोगों में असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा, और उसके बाद यह स्पष्ट होगा कि क्या पीथमपुर  में कचरा जलाने की प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा या फिर इस पर रोक लगाई जाएगी।

यूनियन कार्बाइड का कचरा और उसकी निपटान प्रक्रिया

यूनियन कार्बाइड का कचरा भोपाल गैस त्रासदी के बाद का एक अहम मुद्दा बना हुआ है। भोपाल में 1984 में हुई गैस त्रासदी ने न केवल हजारों लोगों की जान ली, बल्कि इसने पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाला। इस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड का कचरा भी एक बड़ा मुद्दा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब सरकार इस कचरे को पीथमपुर  में नष्ट करने की प्रक्रिया में है। इस कचरे को जलाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा एक नियंत्रित प्रक्रिया तैयार की गई है, ताकि किसी भी तरह की पर्यावरणीय या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न न हों। हालांकि, स्थानीय लोग इस प्रक्रिया को लेकर चिंतित हैं और उनका कहना है कि इसे कहीं और जलाया जाए, जहां लोगों का स्वास्थ्य खतरे में न पड़े।

कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीथमपुर  कचरा मामले में कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उनका कहना था कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस मुद्दे को राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता भ्रम फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और इस मुद्दे पर गलत सूचना फैला रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है, और सरकार को इस पर और अधिक सावधानी से निर्णय लेना चाहिए।

भोपाल से पीथमपुर  तक यूनियन कार्बाइड के कचरे को भेजने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। स्थानीय लोग इसे लेकर विरोध जता रहे हैं और इसके स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है, जबकि कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा, और इसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि पीथमपुर  में कचरा जलाने की प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा या नहीं।

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