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Bhubaneswar: कलयुगी मां ने अपने बच्चों को दागा, अवैध संबंधों का विरोध करने पर दी गर्म चिमटे से सजा

Bhubaneswar: एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही बच्चों के साथ क्रूरता की। ओडिशा के भुवनेश्वर शहर के मैत्री विहार थाना क्षेत्र से यह चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक मां ने अपने बच्चों को अवैध संबंधों का विरोध करने पर गर्म चिमटे से दाग दिया, जिससे उनके शरीर पर गहरे घाव हो गए। इस क्रूरता में उसके प्रेमी ने भी उसका साथ दिया।

क्या है पूरा मामला?

भुवनेश्वर के महावीर इलाके में एक महिला सुमित्रा महापात्र और उसके प्रेमी गुड्डू नायक ने मिलकर अपने बच्चों के साथ यह अत्याचार किया। सुमित्रा के 11 साल के बेटे और 15 साल की बेटी ने अपनी मां के अवैध संबंधों का विरोध किया था, जिसके बाद सुमित्रा और उसके प्रेमी ने उन्हें सजा देने का नापाक इरादा किया।

सुमित्रा और गुड्डू नायक ने बच्चों को तीन दिन तक बंद कमरे में बंद रखा और उन्हें गर्म चिमटे से दागा। 11 साल के बच्चे के पैरों पर और 15 साल की लड़की के हाथों पर गर्म चिमटा दागने के बाद, उनकी हालत गंभीर हो गई। यह दरिंदगी बच्चों की मां और उसके प्रेमी द्वारा की गई।

Bhubaneswar: कलयुगी मां ने अपने बच्चों को दागा, अवैध संबंधों का विरोध करने पर दी गर्म चिमटे से सजा

आरोपी का जुड़ाव और बच्चों का विरोध

सूत्रों के अनुसार, बच्चों के पिता प्रसन्न महापात्र पिछले सात महीने से शहर से बाहर थे, और इस दौरान सुमित्रा और गुड्डू नायक के अवैध संबंध बढ़ चुके थे। जब बच्चों ने इस संबंध का विरोध किया, तो सुमित्रा और गुड्डू ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

इन दोनों की क्रूरता को देखकर बच्चे डर के साए में जी रहे थे। उन्होंने किसी तरह अपने पिता से संपर्क किया और सारी घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद, प्रसन्न महापात्र तुरंत भुवनेश्वर लौटे और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

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पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

प्रसन्न महापात्र की शिकायत के बाद, मैत्री विहार पुलिस ने तुरंत सुमित्रा और गुड्डू नायक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि सुमित्रा और गुड्डू के बीच पिछले सात महीने से अवैध संबंध थे।

मैत्री विहार थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “सोमवार को सुमित्रा और गुड्डू के साथ बच्चों की बहस हुई थी, जिसके बाद गुड्डू ने बच्चों को तीन दिनों तक कमरे में बंद कर दिया और उन्हें प्रताड़ित किया। गुड्डू और सुमित्रा ने मिलकर 15 साल की बच्ची के हाथ पर गर्म चिमटे से दाग दिया और 11 साल के बच्चे के पैर पर भी चिमटे से दागे थे।”

पुलिस ने बताया कि इस अपराध में गुड्डू ने अपनी भूमिका स्वीकार की है और आगे की जांच जारी है।

प्रेमी और मां के अवैध संबंधों का खुलासा

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि सुमित्रा जहां काम करती थीं, वह फ्लैट गुड्डू के मालिक का था और गुड्डू फ्लैट के मालिक का ड्राइवर था। इस तरह, दोनों के बीच अवैध संबंध पिछले सात महीने से चल रहे थे। बच्चों ने जब इस संबंध का विरोध किया तो मां और उसके प्रेमी ने बच्चों को दंडित करने के लिए यह क्रूरता की।

बच्चों की हालत और इलाज

घटना के बाद बच्चों की हालत काफी गंभीर हो गई थी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। 15 साल की बच्ची और 11 साल के लड़के के शरीर पर चिमटे से दागे गए घावों का इलाज किया जा रहा है।

पुलिस ने कहा कि बच्चों की हालत अब स्थिर है और उन्हें मानसिक और शारीरिक उपचार प्रदान किया जा रहा है।

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बच्चों की कड़ी परीक्षा और भविष्य

यह घटना समाज को एक गहरी सोचने की आवश्यकता देती है। इस कलयुगी मां ने न केवल अपनी औलाद के साथ क्रूरता की, बल्कि एक प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही बच्चों के खिलाफ इस कृत्य को अंजाम दिया। यह एक ऐसा उदाहरण है जो हमारे समाज में कुछ कमजोर रिश्तों की जटिलताओं को उजागर करता है।

बच्चों की मानसिक स्थिति अब तक ठीक हो रही है, लेकिन इस घटना का उनके जीवन पर जो असर पड़ा है, वह लंबे समय तक बना रहेगा। उनके भविष्य के लिए कई सवाल खड़े हो गए हैं, और यही समय है जब समाज को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

सामाजिक संदेश और आवश्यकता

इस घटना के माध्यम से यह संदेश भी मिलता है कि एक मां की भूमिका बच्चों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। एक मां का आशीर्वाद और संरक्षण बच्चों के लिए जीवनभर की सुरक्षा का कारण बनते हैं, लेकिन जब वही मां अपनी औलाद के लिए खतरे का कारण बन जाए, तो यह समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। हमें अपनी समाज व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं से निपटने में सफलता मिल सके।

यह घटना न केवल सुमित्रा महापात्र और गुड्डू नायक की क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि यह समाज के सामने उस चिंता को भी प्रस्तुत करती है, जो अवैध संबंधों के परिणामस्वरूप हो सकती है। ऐसे मामलों में सही समय पर कार्रवाई और बच्चों की रक्षा करना बेहद जरूरी है। पुलिस और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, और पीड़ितों को न्याय मिले।

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