Bhubaneswar: बेटी बेचने का शर्मनाक कृत्य, 40,000 रुपये में मासूम का सौदा, 6 लोग गिरफ्तार
Bhubaneswar: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। बिहार से आए एक दंपति ने अपनी 4 साल की मासूम बेटी को मात्र 40,000 रुपये में बेच दिया। यह घटना सिसुपालगढ़ क्षेत्र की है, जहां यह दंपति दिहाड़ी मजदूरी कर अपना गुजारा कर रहा था। उन्होंने अपनी बेटी को पुरी जिले के पिपिली इलाके के एक अन्य दंपति को बेच दिया।
जांच में खुलासा: मकान मालिक ने किया मामला उजागर
इस घटना का खुलासा तब हुआ जब मकान मालिक, सार्थक महांति, ने बदागढ़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और बच्ची को बचा लिया। इस मामले में कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें बच्ची के माता-पिता, खरीदने वाले दंपति और सौदा कराने वाली दो महिलाएं शामिल हैं।
माता-पिता मजदूरी कर रहे थे गुजारा
बदागढ़ पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (IIC) तृप्ति रंजन नायक ने बताया कि बच्ची के माता-पिता ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी बेटी को 40,000 रुपये में बेचा। बताया गया है कि यह दंपति दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करता था।
सीसीटीवी ने किया मामले का पर्दाफाश
पुलिस के अनुसार, इस शर्मनाक घटना की तस्वीरें और वीडियो इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थीं। इन्हीं फुटेज के आधार पर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया।
मामले में शामिल 6 लोग गिरफ्तार
पुलिस ने इस घटना में शामिल छह लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें बच्ची के माता-पिता, उसे खरीदने वाले दंपति और सौदे को अंजाम देने वाली दो महिलाएं शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
चाइल्डलाइन ने दी जानकारी
चाइल्डलाइन के निदेशक, बेनुधर सेनापति ने बताया, “यह बच्ची उस व्यक्ति की पहली पत्नी से है, जिसे उसने छोड़ दिया था। इसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली। दंपति ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है और यह एक गंभीर कानूनी अपराध है।”
बच्ची को लिया गया संरक्षण में
पुलिस और चाइल्डलाइन अधिकारियों ने बच्ची को अपनी सुरक्षा में ले लिया है। बच्ची की स्थिति को देखते हुए उसकी देखभाल और पुनर्वास के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
मामले का कानूनी पहलू
बच्चों की खरीद-फरोख्त एक गंभीर अपराध है और भारतीय कानून के तहत इसे सख्त सजा का प्रावधान है। बाल श्रम निषेध और बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत यह कृत्य पूरी तरह से अवैध है।
बच्ची के भविष्य को लेकर चिंता
इस घटना ने बच्ची के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और सामाजिक संस्थाएं इस बात की कोशिश कर रही हैं कि बच्ची को सही माहौल और पुनर्वास का अवसर मिले।
शर्मनाक सामाजिक स्थिति की ओर इशारा
इस घटना ने समाज की उन कड़वी सच्चाइयों को उजागर किया है, जहां गरीबी और अशिक्षा जैसे कारण लोगों को इस तरह के शर्मनाक कृत्य करने पर मजबूर कर देते हैं।
जरूरत जागरूकता और सख्त कानून की
इस घटना से साफ है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए न केवल सख्त कानून बल्कि जागरूकता भी बेहद जरूरी है। समाज को इस तरह की घटनाओं के खिलाफ जागरूक होना चाहिए और पुलिस को जानकारी देनी चाहिए।
भुवनेश्वर की यह घटना इंसानियत को झकझोरने वाली है। यह केवल एक बच्ची का मामला नहीं है, बल्कि समाज की उस सच्चाई का आईना है, जहां गरीबी और लाचारी के चलते लोग अपने ही बच्चों को बेचने जैसे घिनौने कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं। इस मामले में सख्त कार्रवाई और बच्ची के पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास जरूरी है।