J-K में आतंकियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई, 100 से ज्यादा गिरफ्तार, अब नहीं बचेगा कोई

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबल अब पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। इस हमले ने न सिर्फ पूरे देश को झकझोर दिया, बल्कि सुरक्षाबलों को भी मजबूर कर दिया कि वो आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाएं। इसी दिशा में बीते दो दिनों में 100 से ज्यादा आतंक समर्थकों को गिरफ़्तार किया गया है। यह कार्रवाई पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत की गई है और इसे धारा 370 हटाए जाने के बाद की सबसे बड़ी और सख्त कार्रवाई माना जा रहा है।
पहलगाम हमला और उसके बाद की कार्रवाई
22 अप्रैल को जब देशभर से पर्यटक पहलगाम की वादियों में छुट्टियां मना रहे थे, तभी आतंकियों ने निहत्थे लोगों पर हमला कर दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए। इसके बाद से ही सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन तेज कर दिया। खासकर उन लोगों को निशाने पर लिया गया जो आतंकवादियों के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) यानी जमीनी मददगार के रूप में काम कर रहे हैं।
कश्मीर में 100 से ज्यादा गिरफ्तारी
खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की जानकारी के अनुसार, पिछले दो दिनों में कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक आतंक समर्थकों और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। जिन जिलों में ये कार्रवाई हुई है, उनमें प्रमुख रूप से:
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कुपवाड़ा: 15 लोग गिरफ्तार
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हंदवाड़ा: 12 लोग
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पुलवामा: 14 लोग
इन सभी पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है, जिसके तहत बिना ट्रायल के भी लंबी अवधि तक हिरासत में लिया जा सकता है।
NIA की जांच और पूछताछ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी अपनी जांच की गति तेज कर दी है। NIA इस हमले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। जांच एजेंसी ने 2023 में हुए ढांगरी और भट्टा दुर्रियन आतंकी हमलों से जुड़े दो OGW – निसार अहमद उर्फ हाजी और मुश्ताक हुसैन से पूछताछ की है। ये दोनों फिलहाल कोट भलवाल जेल में बंद हैं। पूछताछ के दौरान कई ऐसे सुराग मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि आतंकी हमलों के पीछे संगठित नेटवर्क काम कर रहा है।
पाकिस्तान पर सख्त रुख
भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान पर सख्त रवैया अपनाया है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सीमा पार से आ रहे आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
6 साल बाद आतंक के हमदर्दों के खिलाफ इतना बड़ा एक्शन यह दर्शाता है कि अब सरकार और सुरक्षाबल सिर्फ आतंकियों पर नहीं, बल्कि उनके मददगारों पर भी कठोर कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। यह ऑपरेशन आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है और घाटी में आतंकवाद की रीढ़ तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।