सत्य खबर । चंडीगढ़
हरियाणा सरकार की ओर से निजी सेक्टर में राज्य के लोगों को 75 फीसदी आरक्षण के लिए पेश किए बिल को विधानसभा ने पास कर दिया है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह बिल पेश किया था। इस बिल में 50 हजार महीने तक की सैलरी वाली नौकरियों पर यह कानून लागू होगा। बिल के अनुसार इस आरक्षम कानून को नहीं मानने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। यह नियम निजी कंपनियों, फर्म, ट्रस्ट आदि में लागू होगा।
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गौर रहे कि कोविड के कारण इस बार का सत्र भी दो दिनों का रखा गया है। इस बार भी अंदर दर्शकों व स्पीकर गैलरी में आने वाले अतिथि अंदर नहीं जा सकेंगे। इसी तरह से मीडिया के लिए भी अंदर गैलरी के स्थान पर हरियाणा निवास में व्यवस्था होगी।
निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण संबंधित विधेयक के महत्वपूर्ण बिंदु
राज्य में चल रही कम्पनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म पर लागू होगा जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं।
हरियाणा के डोमिसाइल धारक लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
50 हजार रुपये मासिक सैलरी तक की नौकरियों पर ही यह कानून लागू होगा।
सभी कम्पनियों आदि को 3 महीने में सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर कर बताना होगा कि उनके यहां 50 हजार तक की तनख्वाह वाले कितने पद हैं और इन पर हरियाणा से कितने लोग काम कर रहे हैं।
यह डाटा अपलोड करने तक कम्पनियां नए लोगों को नौकरी पर नहीं रख सकती।
कम्पनी मालिक चाहे तो एक जिले से 10 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी रखने पर रोक लगा सकते हैं।
किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी ना मिलने पर आरक्षण कानून में छूट दी जा सकती है। इस बारे में निर्णय जिला उपायुक्त या उससे उच्च स्तर के अधिकारी लेंगे।
हर कम्पनी को हर तीन महीने में इस कानून को लागू करने की स्टेटस रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
एसडीएम या इससे उच्च स्तर के अधिकारी कानून लागू किए जाने की जांच के लिए डाटा ले सकेंगे और कम्पनी परिसर में भी जा सकेंगे।
कानून का पालन ना करने वाली कम्पनियों पर इस बिल के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी।
यह कानून अगले 10 साल तक लागू रहेगा।
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