हरियाणा के चुनाव प्रभारियों की रिर्पोट देखकर चौंकी भाजपा, आरएसएस ने बुला ली बैठक
सत्य खबर,चण्डीगढ़ । BJP shocked after seeing the report of Haryana’s election in-charge, RSS called a meeting हरियाणा में 2019 की तरह 10 लोकसभा सीट पर क्लीन स्वीप की उम्मीद लगाए बैठी भाजपा को चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट से झटका लगा है। इस रिपोर्ट में 2 सीटों पर टफ फाइट और बाकी 8 सीटों पर भी नाराजगी-विरोध का खुलासा किया गया था। यह रिपोर्ट 3 दिन पहले पंचकूला में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी गई।
नड्डा के रिपोर्ट लेकर दिल्ली पहुंचने के बाद इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) की एंट्री हो गई है। पार्टी स्तर पर कमजोर हालत देख आरएसएस के पानीपत स्थित दफ्तर में हरियाणा के भाजपा की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई।
2 घंटे तक चली यह मीटिंग रविवार रात को हुई। जिसमें चुनिंदा नेताओं को ही बुलाया गया था। जिसमें सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब, चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक राज्यसभा सांसद सुभाष बराला मौजूद हुए। इस मीटिंग में करनाल से सांसद संजय भाटिया नहीं आए। उनकी टिकट काटकर भाजपा ने खट्टर को दे दी।
इस मीटिंग में आरएसएस ने भाजपा के नेताओं से जुबानी दावों के बजाय ग्राउंड रिपोर्ट ली। जिसके बाद तय किया गया कि अब सभी 10 सीटों पर संघ के वर्कर एक्टिव होंगे। जहां विरोध हो रहा, वहां आरएसएस अपने स्तर पर मामले को सुलझाएगी। जहां स्थिति कमजोर है, वहां मजबूती के लिए कोशिश करेगी।
लोकसभा चुनाव को लेकर आरएसएस के साथ संगठन और सरकार के मंथन में सिर्फ बड़े चेहरों को ही एंट्री दी गई। केंद्र के गेट पर बैठे कर्मचारियों को इसके लिए एक लिस्ट दी गई थी, इस लिस्ट में मीटिंग में शामिल होने वाले नेताओं के ही नाम थे, अन्य को अंदर जाने की सख्त मनाही थी। हरियाणा प्रदेश की महामंत्री डॉ. अर्चना गुप्ता भी लोकसभा चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया के साथ अंदर चली गई लेकिन बाद में उन्हें बाहर भेज दिया गया। संघ की तरफ से इस मीटिंग में प्रांत संघचालक पवन जिंदल, संघ प्रचारक अरूण मौजूद रहे।
तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की पंचकूला में लोकसभा प्रभारियों और संयोजकों के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में नड्डा को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत का दावा करने वाली भाजपा की इंटरनल रिपोर्ट में हॉट सीट रोहतक और सिरसा में सबसे टफ फाइट सामने आई थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में अन्य 8 लोकसभा क्षेत्रों में भी आसान जीत नहीं बताई गई थी।
इन 8 सीटों के 3 से 4 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की कमजोर स्थिति बताई गई थी। मसलन शहरी क्षेत्र में भाजपा की स्थिति बेहतर है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध दिख रहा है। जाट बाहुल्य इलाकों में लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट बेहद खराब बताई गई है।
हरियाणा में संघ की स्ट्रेंथ की बात करें तो भाजपा से ज्यादा एक्टिव मेंबर आरएसएस में हैं। संघ के कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि हरियाणा में 4 लाख से अधिक संघ के एक्टिव मेंबर हैं। इसमें विहिप, एबीवीपी के साथ दूसरी विंग्स के सदस्य भी आते हैं। चूंकि हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों की इंटरनल रिपोर्ट अच्छी नहीं आई है, इसको लेकर अब संघ के कार्यकर्ता शहरों के साथ ही गांव में भी एक्टिव हो जाएंगे। ये ऐसे लोगों को टारगेट करेंगे जो कम्युनिटी विशेष को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही घर-घर कैंपेन भी शुरू करेंगे।
हर बूथ हर घर अभियान
भाजपा के हरियाणा में करीब 19 हजार बूथ कार्यकर्ता हैं। कोई भी चुनाव हो यह बूथ कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विधानसभा हल्कों में खराब रिपोर्ट के बाद इन बूथ कार्यकर्ताओं को एक्टिव किया गया है और इनको लेकर हर बूथ हर घर अभियान शुरू किया गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 12 मई को यह अभियान शुरू हुआ है, जो अभी जारी रहेगा।
डोर-टू-डोर कैंपेन भी इसी का हिस्सा
जेपी नड्डा के हरियाणा दौरे के बाद भाजपा ने डोर टू डोर कैंपेन भी 11 मई को शुरू किया है। नड्डा भी लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट समझने के बाद अगले 2 हफ्ते तक आम लोगों से जनसंपर्क बढ़ाने और मतदाताओं से डोर-टू-डोर करने के लिए टोली बनाने के निर्देश दे चुके हैं।
नड्डा ने कहा है कि राम मंदिर से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए अन्य कार्यों के बारे में जनता को समझाने के साथ ही कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटालों के बारे में जानकारी दी जाए।
घर बैठे नेताओं पर नजर रख रही पार्टी
हरियाणा के लोकसभा चुनाव में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए कुछ सख्त फैसले भी लेगी। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही राज्य के पार्टी नेता ऐसे नेताओं पर भी नजर रख रहे हैं, जो घर बैठे हुए हैं। जेपी नड्डा ने भी नाराज होकर बैठे नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी को गंभीरता से लिया है। उन्होंने संकेत दिए कि यह नरेंद्र मोदी को PM बनाने का चुनाव है, इसलिए ऐसे नेताओं पर नजर रखिए। उम्मीदवार हारे या जीते, लोकसभा चुनाव के बाद उन पर कार्रवाई होगी। BJP shocked after seeing the report of Haryana’s election in-charge, RSS called a meeting