Tesla के भारत आगमन पर बोले BMW CEO – मुकाबले से घबराते नहीं, स्वागत करते हैं!

भारत में Tesla की एंट्री को लेकर जहां ऑटो सेक्टर में हलचल तेज है, वहीं BMW ग्रुप इंडिया ने इस पर एक अलग ही रुख दिखाया है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO विक्रम पावाह का कहना है कि टेस्ला के आने से भारत का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट और मजबूत होगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जब भी प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, तो बाजार भी बढ़ता है। इसलिए टेस्ला का आना हमारे लिए चिंता की बात नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है।”
पहले से ही टेस्ला से हो रहा है मुकाबला
विक्रम पावाह ने कहा कि Tesla के साथ BMW पहले से ही ग्लोबल लेवल पर मुकाबला कर रही है। उन्होंने बताया कि “हम दुनियाभर के बाजारों में टेस्ला के साथ पहले से ही मौजूद हैं और वहां भी हमारी ग्रोथ बनी हुई है। EV सेगमेंट में कई कंपनियां ऐसी ग्रोथ नहीं दिखा पा रही हैं जैसी BMW दिखा रही है।” आंकड़ों के मुताबिक, BMW ग्रुप ने 2024 में कुल 4,26,594 फुल-इलेक्ट्रिक वाहन बेचे हैं और EV सेल्स में 13.5% की ग्रोथ हासिल की है। BMW और Mini दोनों ब्रांड्स ने डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की है।
टेस्ला ने भारत में शुरू की भर्ती, एंट्री के संकेत मजबूत
फरवरी 2025 में टेस्ला ने भारत में बिजनेस ऑपरेशंस एनालिस्ट और कस्टमर सपोर्ट स्पेशलिस्ट जैसे पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इससे यह संकेत साफ हो गया था कि टेस्ला भारत में अपनी एंट्री की तैयारी में जुटी हुई है। टेस्ला की यह तैयारी भारत के EV सेक्टर के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। वहीं BMW इंडिया इस चुनौती को अवसर के तौर पर देख रही है और अपनी रणनीति को और मजबूत कर रही है।
भारत में EV बिक्री में भी BMW का ग्राफ ऊपर
BMW इंडिया के मुताबिक, साल 2025 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच कंपनी ने भारत में कुल 3,914 गाड़ियां बेचीं, जिसमें 7 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। विक्रम पावाह ने कहा, “अभी हमारी कुल सेल्स में EV की हिस्सेदारी करीब 17% है और हमारा टारगेट है कि इस साल इसे 15% तक ले जाएं, जिसे हम पार भी कर सकते हैं। हम इसे 20% तक भी ले जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि कंपनी को खुशी है कि वो सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
टेस्ला की भारत में एंट्री से जहां कुछ कंपनियां सतर्क हो गई हैं, वहीं BMW इसे एक पॉजिटिव संकेत मान रही है। आने वाले समय में भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार और ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक और इनोवेटिव होने की उम्मीद है।