हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से 28 तक, जानिए क्या-क्या होगा इसमें
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Budget session of Haryana Assembly from today till 28th
सत्य खबर ,चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट सत्र आज से शुरू होगा। चुनावी साल होने के कारण सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। इस बार बजट सत्र 28 फरवरी तक चलेगा। पहले दिन यानी आज 11 बजे गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। इसके बाद कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी।
कार्यवाही की पुनः शुरुआत शोक प्रस्ताव से होगी। इसके बाद गवर्नर के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी, जो 21 फरवरी तक जारी रहेगी। 22 फरवरी को अनुपूरक अनुमान की तीसरी किस्त प्रस्तुत की जाएगी। दो दिन गवर्नर के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 20 व 22 फरवरी को प्रश्नकाल नहीं होगा।
कांग्रेस लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
सूबे का बजट चुनावी साल में पेश हो रहा है, इसलिए कांग्रेस भी इसको लेकर काफी गंभीर है। यही कारण है कि कांग्रेस दूसरी बार 22 फरवरी को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। संभावना है कि इस पर सदन में 2 घंटे तक चर्चा हो। इसको लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर दो बार विधायक दल की मीटिंग कर चुके हैं।
मीटिंग में कांग्रेस की ओर से तय किया गया है कि सूबे के 12 बड़े मुद्दे बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, घोटाले आदि को लेकर सरकार को घेरा जाएगा।
सीएम पेश करेंगे बजट
बजट सत्र के तीसरे दिन यानी 23 फरवरी को सीएम मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री बजट प्रस्तुत करेंगे। इस बार का बजट 2 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसकी वजह यह है कि राज्य में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी कि आमजन के लिए बजट लोकलुभावन हो।
बजट पेश होने के बाद 24 व 25 फरवरी को तदर्थ समितियां बजट का विस्तृत अध्ययन करेंगी। 26 व 27 को बजट अनुमानों पर चर्चा होगी और 28 को समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
बजट सत्र के दौरान भाजपा-जजपा सरकार तीन विधेयक लाएगी। इनमें एक द हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल 2024 अहम है। इसमें शव रखकर प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगेगा। दूसरा बिल नगर निकायों में समान सेव नियम बनाने के लिए द हरियाणा म्यूनिसिपल (अमेंडमेंट) बिल 2024 होगा।
इसके अलावा तीसरा बिल औद्योगिक विवाद से जुड़ा है, जिसके जरिए 1957 के औद्योगिक विवाद संशोधन और विविध प्रावधान (पंजाब संशोधन) अधिनियम 1957 को निरस्त किया जाएगा।