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Bus Marshal Controversy: बस मार्शल विवाद में CM अतिशी का ‘गूगल’, BJP को लगा झटका

Bus Marshal Controversy: दिल्ली में बस मार्शल के मुद्दे पर BJP विधायकों और मुख्यमंत्री अतिशी के बीच बैठक शनिवार को दिल्ली सचिवालय में हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री अतिशी ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि सभी को एक साथ उपराज्यपाल के पास जाना चाहिए। इस प्रस्ताव के बाद, BJP विधायकों ने उपराज्यपाल के निवास जाने से इनकार कर दिया।

प्रस्ताव का उद्देश्य

सीएम अतिशी ने कहा कि सभी विधायक एकजुट होकर उपराज्यपाल के पास जाएंगे। लेकिन BJP विधायकों ने इस सुझाव को ठुकरा दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कैबिनेट यहां मौजूद है और इसे यहीं पर हस्ताक्षरित किया जाएगा। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दिल्ली सरकार ने मार्शलों की नियुक्ति के संबंध में एक कैबिनेट नोट पारित किया। इस नोट में तुरंत मार्शलों को बहाल करने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि आज ही इस संबंध में नोटिस भेजा जाएगा।

BJP नेताओं का सीएम से मुलाकात का प्रयास

इस मुद्दे को पिछले कुछ दिनों से दिल्ली विधानसभा में जोरशोर से उठाया गया है। BJP विधायकों ने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा था, जिसे सीएम ने स्वीकार कर लिया।

BJP का कहना है कि 10,000 बस मार्शलों को हटाया गया है। पार्टी का आरोप है कि आप सरकार मार्शलों के साथ धोखा कर रही है। BJP लगातार उस पत्र को मीडिया के सामने ला रही है, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्टूबर 2023 को लिखा था।

पत्र का विवाद

यह वही पत्र है, जिसमें मुख्यमंत्री ने एक समय पर 10,000 बस मार्शलों को उनकी नौकरी से हटाने की सिफारिश की थी। हालांकि, इस पत्र में यह भी उल्लेखित है कि किस परिस्थिति में यह पत्र लिखा गया था।

Bus Marshal Controversy: बस मार्शल विवाद में CM अतिशी का 'गूगल', BJP को लगा झटका

बीजेपी नेताओं का आरोप है कि इस पत्र ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। बीजेपी का कहना है कि इस पत्र के आधार पर, सरकार ने उन्हें नौकरी से निकालने का निर्णय लिया, जो पूरी तरह से गलत है। इसके जवाब में, आप ने कहा है कि BJP लोगों को गुमराह कर रही है और आप लगातार BJP पर इस मामले में अपने वादों को तोड़ने का आरोप लगा रही है।

राजनीतिक खेल का मैदान

इस विवाद में दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है। जहां एक ओर BJP यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि आप सरकार मार्शलों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है, वहीं दूसरी ओर आप यह दावा कर रही है कि BJP केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रही है।

नतीजे का इंतजार

इस विवाद में अगला कदम क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। मुख्यमंत्री अतिशी ने जो कदम उठाए हैं, उससे यह संकेत मिलता है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही हैं और मार्शलों के हितों की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं। वहीं, BJP ने भी कहा है कि वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने के लिए तैयार हैं और कैबिनेट बैठक बुलाने का भी ऐलान किया है।

जनता का रुख

इस राजनीतिक नाटक के बीच, आम जनता की भी इस मुद्दे पर नजर है। दिल्ली की जनता यह देख रही है कि कौन सा पक्ष वास्तव में उनके अधिकारों की रक्षा कर रहा है और कौन सी पार्टी केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस मुद्दे को भड़का रही है।

BJP और आप के बीच यह विवाद केवल राजनीतिक है या इसमें जनता के अधिकारों का भी सवाल है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि यह विवाद दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई रोशनी डालने वाला है।

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