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Chhattisgarh News: बस्तर में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में महिला की हत्या की

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक 40 वर्षीय महिला की निर्मम हत्या कर दी। महिला का नाम यलम सुकड़ा था और नक्सलियों का आरोप था कि वह पुलिस की मुखबिर थी। महिला को पहले लादेर गांव से अगवा किया गया, फिर उसे पास के पहाड़ी इलाके में ले जाकर गला घोंट कर मार डाला। घटना स्थल से एक पम्पलेट भी मिला है, जिसमें महिला को 2017 से पुलिस की मुखबिर होने का आरोप लगाया गया है।

घटना का विवरण

यह दर्दनाक घटना शनिवार को बीजापुर जिले के लादेर गांव में घटी। नक्सलियों ने यलम सुकड़ा नामक महिला को पहले अपहरण किया और फिर उसे पास के एक पहाड़ी पर ले गए, जहां उन्होंने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने महिला का शव बरामद कर लिया है। घटना स्थल से नक्सलियों का एक पम्पलेट भी मिला है, जिसमें महिला को पुलिस का मुखबिर बताते हुए उसे सूचनाएं देने का आरोप लगाया गया था। इस पम्पलेट में यह भी कहा गया कि महिला 2017 से पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ सूचनाएं दे रही थी।

पुलिस की जांच

पुलिस के अनुसार, पम्पलेट में यह भी लिखा था कि महिला ने नक्सलियों के खिलाफ कई बार पुलिस को जानकारी दी थी, जिससे नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हुए थे। इस हत्या के बाद इलाके में भय का माहौल पैदा हो गया है। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है।

बीजापुर और बस्तर जिले में नक्सलियों द्वारा की गई यह एक और हत्या है, जिसमें नक्सलियों ने यह कदम पुलिस को सहयोग देने वालों को दंडित करने और आम लोगों में डर फैलाने के उद्देश्य से उठाया है। इस साल अब तक नक्सलियों ने बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में 60 से अधिक लोगों की हत्या कर दी है, और इस घटना को भी उसी सिलसिले का हिस्सा माना जा रहा है।

नक्सलियों का मकसद

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नक्सलियों का यह कदम स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बनाने के उद्देश्य से था। वे चाहते हैं कि लोग पुलिस से सहयोग न करें और नक्सलियों के खिलाफ सूचना देने से डरें। नक्सलियों का यह एक सामान्य तरीका है, जिससे वे इलाके में अपनी पकड़ मजबूत रखते हैं और लोगों को उनकी सत्ता के खिलाफ बोलने से रोकते हैं।

Chhattisgarh News: बस्तर में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में महिला की हत्या की

महिला की हत्या के बाद, पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य नक्सलियों की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखना और उन्हें कुचलने के लिए प्रभावी कदम उठाना है। पुलिस अधिकारी बताते हैं कि यह कदम नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उठाया गया है, ताकि वे अपनी धमकी और हिंसा से स्थानीय लोगों को डराकर उनका सहयोग हासिल कर सकें।

अन्य हत्याएं

महिला की हत्या के साथ-साथ, बीजापुर जिले में एक और नक्सलियों द्वारा की गई हत्या का मामला सामने आया है। यहां एक आंगनवाड़ी सहायक को भी मुखबिरी के शक में मार डाला गया। इस महिला को भी नक्सलियों ने पुलिस का एजेंट मानते हुए उसकी हत्या कर दी। इसके अलावा, 4 दिसंबर को दो पूर्व सरपंचों की भी नक्सलियों द्वारा हत्या की गई थी। इन हत्याओं के पीछे भी नक्सलियों का यही मकसद था कि वे लोगों को धमका सकें और पुलिस के साथ काम करने वालों को सजा दे सकें।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति

नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशंस चला रहे हैं, लेकिन नक्सलियों की हिंसा की वजह से स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इस क्षेत्र की कठिन भौगोलिक स्थिति और नक्सलियों की छिपने की क्षमता के कारण सुरक्षा बलों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन क्षेत्रों में नक्सलियों का नेटवर्क बहुत मजबूत है और उनकी गतिविधियां भी लगातार जारी हैं।

पुलिस और सुरक्षा बलों के ऑपरेशंस के बावजूद, नक्सली कभी-कभी ग्रामीण इलाकों में छिपकर पुलिस को चकमा देते हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन इलाकों में हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और यह साफ है कि नक्सली अपनी हिंसक गतिविधियों को किसी भी हाल में रोकने के लिए तैयार नहीं हैं।

पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से नक्सलियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई में कोई कमी नहीं आएगी। वे स्थानीय लोगों से भी सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं ताकि नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जा सके। पुलिस ने यह भी कहा कि वे पूरे क्षेत्र में नक्सलियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए योजना बना रहे हैं और जो लोग पुलिस से सहयोग करेंगे, उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

बीजापुर जिले में महिला की हत्या नक्सलियों के द्वारा किए गए क्रूर अपराधों की एक और कड़ी है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि यह दिखाया है कि नक्सली अब भी अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन वे इन अपराधियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं। नक्सलियों द्वारा किए गए इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को और भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि इस हिंसा को खत्म किया जा सके और इलाके में शांति स्थापित की जा सके।

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