CJI Chandrachud ने वकील को फटकारा, अदालत के आदेश की जानकारी लेने की हिम्मत कैसे?
भारत के मुख्य न्यायाधीश, डी.वाई. Chandrachud, ने आज (3 अक्टूबर) को एक वकील को फटकार लगाई जब उस वकील ने अदालत में यह कहा कि उसने अदालत के आदेश की जानकारी कोर्ट मास्टर से क्रॉस-चेक की है। इस पर CJI ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आपको अदालत में मैंने जो लिखा है, उसके बारे में कोर्ट मास्टर से पूछने की हिम्मत कैसे हुई? कल आप मेरे घर आएंगे और मेरे निजी सचिव से पूछेंगे कि मैं क्या कर रहा हूं। क्या वकीलों की सारी समझदारी खत्म हो गई है?”
यह घटना तब हुई जब वकील ने अदालत में अदालत के आदेश के बारे में स्पष्टीकरण मांगा। CJI ने वकील को सख्त लहजे में कहा कि अदालत के भीतर यह सवाल करना अनावश्यक है और इससे अदालत का समय बर्बाद होता है। यह एक ऐसी बात है जो न केवल न्यायपालिका के सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि न्याय की प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है।
CJI Chandrachud का योगदान
CJI Chandrachud, जो कि 10 नवंबर को अपने पद से रिटायर होने वाले हैं, ने भारतीय न्यायपालिका में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने न्यायालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने हमेशा से ही न्यायालय की गरिमा बनाए रखने और अधिवक्ताओं के आचरण को सुधारने के लिए प्रयास किया है। उनका यह फटकारना भी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अदालती प्रक्रियाओं का महत्व
CJI ने यह भी कहा कि वकील बार-बार एक ही मामले को लेकर अलग-अलग पेश होते हैं और तारीखें मांगते हैं। यह एक नई प्रथा बनती जा रही है, जिसमें वकील अदालत को अपने स्वार्थ के लिए भटकाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की चालाकियों से न्यायालय को नहीं ठगा जा सकता। यह न केवल न्यायालय की प्रक्रिया को बाधित करता है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी समस्याएं उत्पन्न करता है जो सच में न्याय की तलाश में आते हैं।
न्यायपालिका की स्थिति
भारत की न्यायपालिका को हमेशा से ही विश्वसनीयता और पारदर्शिता के लिए जाना जाता है। इसलिए, जब ऐसे घटनाक्रम होते हैं, तो यह न्यायालय की साख को प्रभावित कर सकते हैं। CJI Chandrachud ने न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए जो सख्ती दिखाई है, वह इस बात का संकेत है कि अदालतें किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
CJI का रिटायरमेंट और न्यायपालिका का भविष्य
CJI Chandrachud का रिटायरमेंट न केवल उनके लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, बल्कि न्यायपालिका के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय है। न्यायपालिका की अगली पीढ़ी के लिए, जो अब न्यायालय की बागडोर संभालेगी, यह आवश्यक है कि वे CJI के विचारों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएं। अगले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, को यह सुनिश्चित करना होगा कि अदालत की प्रक्रियाएं पारदर्शी और निष्पक्ष रहें।