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Cocaine smuggling: 2000 करोड़ रुपये की कोकीन नमकीन के पैकेट में छिपी मिली, दिल्ली पुलिस ने बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया

Cocaine smuggling: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पश्चिमी दिल्ली के रमेश नगर में एक गोदाम पर छापा मारते हुए लगभग 204 किलो कोकीन बरामद की है। यह कोकीन नमकीन के पैकेटों में छिपाकर रखी गई थी और इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। आइए जानते हैं कि कैसे पुलिस ने इस सफलता को हासिल किया और यह मामला कैसे सामने आया।

पहले भी 5600 करोड़ रुपये की कोकीन बरामद

हाल ही में, स्पेशल सेल ने वसंत विहार के महिला पुर में एक बड़े ड्रग्स के भंडार पर छापा मारते हुए 5600 करोड़ रुपये की कोकीन और थाईलैंड की मेरवाना (Marijuana) बरामद की थी। इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि इस सिंडिकेट को कोई व्यक्ति मिडल ईस्ट से चला रहा है। यह ड्रग्स यूपी के रास्ते थाईलैंड से होते हुए दिल्ली लाई गई थी। इस बड़ी बरामदगी के बाद स्पेशल सेल ने अपनी जांच और तेज कर दी।

Cocaine smuggling: 2000 करोड़ रुपये की कोकीन नमकीन के पैकेट में छिपी मिली, दिल्ली पुलिस ने बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया

204 किलो उच्च गुणवत्ता वाली कोकीन बरामद

इस मामले की आगे की जांच करते हुए स्पेशल सेल ने हापुड़ से एक युवक इखलाक को गिरफ्तार किया। उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस को रमेश नगर, दिल्ली के बारे में सुराग मिला, जहां एक व्यक्ति ने यूके से भारी मात्रा में ड्रग्स मंगवाई थी। यह ड्रग्स मुंबई सहित कुछ अन्य राज्यों में भेजी जानी थी। जब स्पेशल सेल रमेश नगर के उस गोदाम पर पहुंची, तो वह व्यक्ति फरार हो चुका था। पुलिस ने गोदाम से 204 किलो उच्च गुणवत्ता वाली कोकीन बरामद की, जो नमकीन के पैकेटों में छिपाई गई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

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अब तक 7600 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद

इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से अब तक स्पेशल सेल ने कुल 7600 करोड़ रुपये की ड्रग्स, कोकीन और मेरवाना बरामद की है। यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। पुलिस ने इस पूरे सिंडिकेट पर शिकंजा कसते हुए कई गिरफ्तारियां की हैं और जांच को आगे बढ़ा रही है। इस मामले में यूके से आए एक विदेशी आपूर्तिकर्ता की पहचान की गई है, जिसकी तलाश जारी है।

लंदन से भेजे गए दो लोग

जांच में यह खुलासा हुआ है कि यूके में रहने वाला विरेंद्र बसोया, जो इस ड्रग सिंडिकेट का संचालन कर रहा है, ने लंदन से दो लोगों को भारत भेजा था। इनमें से एक व्यक्ति का नाम जिमी है, जबकि दूसरे व्यक्ति ने रमेश नगर में 2000 करोड़ रुपये की कोकीन पहुंचाई। यह व्यक्ति फिलहाल फरार है। जिमी ने पहले 5600 करोड़ रुपये की ड्रग्स की खेप लाई थी और अब इस दूसरे व्यक्ति ने 2000 करोड़ रुपये की कोकीन रमेश नगर में लाई थी।

भुगतान कैसे हुआ?

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि 2000 करोड़ रुपये की कोकीन का भुगतान क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी (USDT) के जरिए किया गया था। यह ड्रग्स कार और होटल के माध्यम से ट्रैक की गई थी, जिसे विदेशी ड्रग्स आपूर्तिकर्ता ने दिल्ली पहुंचाया था। इस मामले में पहले ही तुषार गोयल, हिमांशु, औरंगजेब और भारत जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल पुलिस इस सिंडिकेट के और लोगों की तलाश कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन ड्रग्स की आपूर्ति किन पार्टियों और कार्यक्रमों में की जानी थी, खासकर मुंबई और अन्य शहरों में।

दिल्ली पुलिस की सफलता और आगे की रणनीति

यह मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने में सफल रही है, जिसने देश के कई राज्यों में अपना जाल फैला रखा था। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इस सिंडिकेट से जुड़े और कौन-कौन से लोग हैं और ये ड्रग्स किन ठिकानों पर पहुंचाई जानी थी। साथ ही पुलिस इस बात पर भी काम कर रही है कि क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भुगतान करने वाले इस सिंडिकेट के वित्तीय लेनदेन को कैसे रोका जाए।

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ड्रग्स के बढ़ते खतरे पर चिंता

यह मामला भारत में ड्रग्स के बढ़ते खतरे को लेकर एक गंभीर चेतावनी है। जहां एक ओर पुलिस और प्रशासन ड्रग्स के इस कारोबार पर सख्त नजर रखे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर इन ड्रग सिंडिकेट्स के नेटवर्क दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। खासकर युवाओं को निशाना बनाकर इन ड्रग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो समाज और देश के भविष्य के लिए एक गंभीर समस्या है।

दिल्ली पुलिस की इस सफलता के बाद उम्मीद की जा रही है कि ऐसे और सिंडिकेट्स पर शिकंजा कसा जाएगा और ड्रग्स के इस अवैध कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे और समाज को भी जागरूक होकर इस खतरे से बचना होगा।

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