ADR की याचिका के खिलाफ आयोग का विरोध, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
वोटर टर्नआउट जारी करने में देरी को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ दायर ADR की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है. जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
जवाबी हलफनामे में चुनाव आयोग ने फॉर्म 17सी का डेटा सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है. चुनाव आयोग की ओर से मनिंदर सिंह ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान लगातार आयोग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए. चुनाव आयोग ने कहा कि ये याचिका सुनवाई लायक नहीं है.
ADR ने क्या कहा?
आज की सुनवाई में प्रशांत भूषण की जगह दुष्यन्त दवे पेश हुए हैं. ADR की ओर से पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा है कि 2019 की याचिका और मौजूदा याचिका में काफी अंतर है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर गौर करने की बात कही है.
चुनाव आयोग का क्या कहना है?
आज की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि आशंकाओं के आधार पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया था जिसमें सभी पहलुओं को स्पष्ट किया गया था. आयोग ने कहा है कि नियमों के मुताबिक फॉर्म 17सी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.
चुनाव आयोग ने ADR की याचिका पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि सुबह फैसला आता है और शाम को वही लॉबी नए मुद्दे लेकर आयोग को बदनाम करने लगती है, ऐसे में उस पर भारी जुर्माना लगाकर इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए.
आयोग ने कहा कि यह लॉबी लगातार आयोग की छवि खराब करने और चुनाव प्रक्रिया को लेकर भ्रम फैलाने में लगी हुई है, संविधान के अनुच्छेद 329बी में साफ कहा गया है कि चुनाव के दौरान ऐसी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती.