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Cricket match: Lok Sabha और Rajya Sabha सांसदों के बीच क्रिकेट मैच, ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के खिलाफ जागरूकता फैलाने की कोशिश

Cricket match: भारत की राजनीति में अक्सर संसद में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच तीखे विवाद और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिलते हैं, लेकिन दिल्ली के ध्यान चंद स्टेडियम में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जो राजनीति और खेल को एक साथ जोड़ता है। जहां सांसद एक-दूसरे पर तीर चला रहे होते हैं, वहीं इस क्रिकेट मैच में सांसदों ने आपस में मिलकर क्रिकेट खेला। यह मैच सांसदों के बीच एक अनोखी पहल के रूप में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) रोग के बारे में जागरूकता फैलाना था।

क्रिकेट मैच का उद्देश्य

यह दोस्ताना क्रिकेट मैच, जो दिल्ली के ध्यान चंद स्टेडियम में हुआ, ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) बीमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित किया गया था। इस मैच का आयोजन हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर ने किया था, और यह एक विशेष उद्देश्य से खेला गया था। इस मैच में लोकसभा स्पीकर के 11 सदस्यीय टीम का नेतृत्व खुद अनुराग ठाकुर ने किया, जबकि राज्यसभा स्पीकर के 11 सदस्यीय टीम का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किया।

टीबी को लेकर जागरूकता फैलाने की यह पहल, जिसे सांसदों ने बड़े उत्साह से स्वीकार किया, दर्शाती है कि सांसद सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि समाज में भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अच्छे कामों में भाग लेते हैं। इस प्रकार के आयोजनों से केवल सांसदों की एकजुटता ही नहीं बढ़ती, बल्कि समाज में सकारात्मक संदेश भी जाता है।

ओम बिर्ला का बैटिंग करना

मैच से पहले, लोकसभा स्पीकर ओम बिर्ला ने भी क्रिकेट का लुत्फ उठाया और बैटिंग का अभ्यास किया। ओम बिर्ला ने मैच से पहले कई गेंदों का सामना किया और अपनी बैटिंग स्किल्स को दिखाया। उन्होंने मैदान पर कुछ शॉट्स भी खेले और अपनी बैटिंग के दौरान काफी आत्मविश्वास दिखाया। ओम बिर्ला का यह कदम सांसदों के बीच खेल के माध्यम से एकता का संदेश देने का प्रयास था।

ओम बिर्ला का इस मैच में सक्रिय रूप से भाग लेना यह दिखाता है कि राजनीति के साथ-साथ खेल और समाजसेवा के क्षेत्र में भी उनके योगदान की भावना कितनी मजबूत है। यह संदेश भी दिया गया कि खेल एक ऐसा माध्यम है जो न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ाता है, बल्कि समाज में सकारात्मकता और सामूहिक भावना को भी मजबूत करता है।

अनुराग ठाकुर और किरेन रिजिजू का मुकाबला

मैच में सबसे दिलचस्प मुकाबला था, अनुराग ठाकुर और किरेन रिजिजू के बीच। दोनों ही केंद्रीय मंत्री हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में काफी सक्रिय रहते हैं। अनुराग ठाकुर, जो कि हिमाचल प्रदेश के सांसद हैं, ने अपनी टीम की कप्तानी की, जबकि राज्यसभा स्पीकर की टीम का नेतृत्व किरेन रिजिजू ने किया।

दोनों के बीच यह मुकाबला न केवल खेल की भावना को दिखाता है, बल्कि राजनीति में दो प्रमुख नेताओं के बीच मित्रवत प्रतिस्पर्धा का भी प्रतीक है। इस प्रकार के आयोजनों से यह संदेश जाता है कि राजनीति में भले ही मतभेद हों, लेकिन सामाजिक कार्यों और खेलों के मामले में सभी एक साथ काम कर सकते हैं।

राघव चड्ढा का बयान

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने इस मैच के बारे में कहा कि यह एक बेहतरीन पहल है और यह समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि इस मैच का उद्देश्य टीबी जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है। राघव चड्ढा ने यह भी कहा कि चुनावों के बाद राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और अनबन जारी रहती है, लेकिन ऐसे आयोजनों से न केवल सांसदों के बीच रिश्तों में सुधार होता है, बल्कि समाज में भी एकजुटता की भावना पैदा होती है।

राघव चड्ढा ने आगे कहा कि यह समय है जब हमें एक टीम के रूप में काम करना चाहिए, जैसा कि क्रिकेट में होता है। हमें “भारत माता की टीम” के रूप में मिलकर देश के लिए काम करना चाहिए और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनका यह बयान इस बात का प्रमाण था कि क्रिकेट जैसे खेलों के माध्यम से भी राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

मोहम्मद अजहरुद्दीन का बयान

पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने इस मैच के बारे में खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सांसदों को ऐसे आयोजनों में भाग लेने का अवसर मिलना खुशी की बात है। अजहरुद्दीन ने कहा कि यह कदम भारतीय समाज में टीबी जैसी बीमारी को समाप्त करने के प्रयासों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट होकर इस बीमारी से मुक्ति पाने के लिए काम करना चाहिए।

अजहरुद्दीन ने यह भी कहा कि एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए सभी को टीबी जैसी बीमारियों से निपटने के प्रयासों को तेज करना होगा और इस पहल में भाग लेने से यह संदेश जाएगा कि हम इस बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं।

टीबी से मुक्ति की आवश्यकता

टीबी एक गंभीर रोग है, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेता है। भारत में भी यह बीमारी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। हालांकि, टीबी के इलाज की प्रक्रिया काफी प्रभावी है, लेकिन फिर भी इस बीमारी की जागरूकता की कमी और इलाज की राह में कई बाधाएं हैं। सांसदों का यह प्रयास इस बात को दर्शाता है कि वे समाज के स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और लोगों को टीबी के बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत सरकार और विभिन्न संस्थाएं टीबी के खिलाफ अपनी मुहिम चला रही हैं, लेकिन इस बीमारी को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। ऐसे आयोजनों से यह संदेश जाता है कि जब समाज के सभी हिस्से एकजुट होते हैं, तो बड़े बदलाव संभव हो सकते हैं।

यह क्रिकेट मैच न केवल एक खेल का आयोजन था, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का भी एक प्रभावी माध्यम था। सांसदों ने यह साबित किया कि राजनीति और खेल दोनों को एक साथ जोड़ा जा सकता है, और समाज में बदलाव लाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। सांसदों द्वारा इस प्रकार के आयोजनों में भाग लेना यह दिखाता है कि वे सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।

टीबी जैसी घातक बीमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाना और इसे समाप्त करना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे आयोजनों के जरिए सांसदों ने समाज को यह संदेश दिया कि एकजुट होकर हम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं, और यह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

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