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Cyber ​​crime: बठिंडा में दो अलग-अलग मामलों में करीब 5 लाख की धोखाधड़ी, मोबाइल फोन हैक कर की गई ठगी

Cyber ​​crime: आज की तकनीकी क्रांति ने जहां इंसान के जीवन को बेहद सरल बना दिया है, वहीं अपराध की एक नई किस्म को भी जन्म दिया है। अपराधी प्रवृत्ति के लोग अब तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं और लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ऐसे ही अलग-अलग मामलों में बठिंडा जिले के दो लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गए। इन साइबर ठगों ने कुल मिलाकर 4 लाख 88 हजार 600 रुपये की ठगी की है। पीड़ितों की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

Cyber ​​crime:  बठिंडा में दो अलग-अलग मामलों में करीब 5 लाख की धोखाधड़ी, मोबाइल फोन हैक कर की गई ठगी

मोबाइल फोन हैक कर बैंक खाते से निकाले 4 लाख रुपये

पहला मामला बठिंडा जिले के गांव शेखपुरा निवासी हरजिंदर सिंह का है। पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि 2 जुलाई को उसने एयरटेल कंपनी का 689 रुपये का रिचार्ज किया था, लेकिन रिचार्ज सफल नहीं हुआ। इसके बाद उसने एयरटेल कंपनी की हेल्प डेस्क पर कॉल की और सहायता मांगी। जवाब में उसे बताया गया कि कंपनी का एक अधिकारी जल्द ही उनसे बात करेगा।

इसके बाद, 8 जुलाई को हरजिंदर सिंह को एक अज्ञात व्यक्ति से कॉल आई। उस व्यक्ति ने खुद को एयरटेल कंपनी का अधिकारी बताया और हरजिंदर सिंह से कहा कि उन्हें 10 रुपये का एक और रिचार्ज करना होगा। पीड़ित ने उस व्यक्ति की बातों पर भरोसा कर 10 रुपये का रिचार्ज किया। रिचार्ज करने के तुरंत बाद हरजिंदर सिंह का फोन हैक हो गया। इसके बाद जब उनके फोन पर ओटीपी आया, तो उनके मोबाइल की स्क्रीन काली हो गई और उन्हें संदेश मिला कि उनके बैंक खाते से 4 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं।

हरजिंदर सिंह ने तुरंत पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। केस की जांच कर रहे अधिकारी, इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। जल्द ही अपराधी को पकड़ लिया जाएगा।

पतंजलि योगपीठ की ऑनलाइन बुकिंग से हुआ 88,600 रुपये का नुकसान

दूसरा मामला बठिंडा के कमला नेहरू कॉलोनी निवासी बांके बिहारी वर्मा का है। पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि उन्होंने पतंजलि योगपीठ के लिए ऑनलाइन बुकिंग करनी थी। इस बुकिंग के दौरान उन्हें 88,600 रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा।

बांके बिहारी वर्मा ने बताया कि 23 जून को उन्होंने पतंजलि योगपीठ के लिए ऑनलाइन बुकिंग की थी। उन्हें बताया गया कि एक डॉक्टर सचिन गुप्ता उनसे फोन पर संपर्क करेंगे। कुछ समय बाद उन्हें एक कॉल आई और कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को डॉक्टर सचिन गुप्ता बता रहा था। पीड़ित ने बताया कि अगले 10 दिनों में उन्हें दो और व्यक्तियों से कॉल मिली, जिन्होंने एक स्कैनर भेजकर उन्हें उलझाया और उनसे 88,600 रुपये ट्रांसफर करा लिए।

जब पीड़ित पतंजलि केंद्र पहुंचे और जानकारी मांगी, तो उन्हें पता चला कि केंद्र की तरफ से उनसे कोई भी लेन-देन नहीं की गई थी। इस तरह वे ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस निरीक्षक राजिंदर सिंह ने बताया कि घटना की जांच जारी है और अपराधियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

कैसे होता है साइबर अपराध?

साइबर अपराधी आमतौर पर तकनीक और इंटरनेट का दुरुपयोग करके लोगों को ठगते हैं। इसके कई प्रकार होते हैं जैसे कि फिशिंग, फोन हैकिंग, डाटा चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि। फिशिंग में अपराधी लोगों को फर्जी वेबसाइट या ईमेल के जरिए अपनी जाल में फंसाते हैं। फोन हैकिंग में वे लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर बैंक डिटेल्स और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी चुराते हैं।

साइबर अपराधी अक्सर सोशल इंजीनियरिंग के जरिए लोगों को अपनी बातों में उलझाकर उनसे व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं और फिर उनका दुरुपयोग करते हैं।

साइबर अपराध से बचने के उपाय

सतर्क रहें: किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने या अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स का जवाब देने से पहले दो बार सोचें। कोई भी अनजान व्यक्ति अगर आपके बैंक डिटेल्स या ओटीपी की मांग करता है तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

  • सुरक्षित पासवर्ड: अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड बनाएं। समय-समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
  • सॉफ्टवेयर अपडेट: अपने मोबाइल फोन और कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। इससे सुरक्षा में सुधार होता है और हैकर्स के हमले से बचाव होता है।
  • एंटीवायरस का इस्तेमाल करें: अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और समय-समय पर डिवाइस की स्कैनिंग करें।

आधिकारिक वेबसाइट से ही लेन-देन करें: ऑनलाइन लेन-देन करते समय हमेशा बैंक या सेवा प्रदाता की आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। किसी भी अनजान वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

साइबर क्राइम में बढ़ोतरी और पुलिस की भूमिका

आजकल साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अपराधी नए-नए तरीके खोज कर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन और साइबर सेल जैसे विभाग लोगों को जागरूक करने और अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

इन मामलों की जांच में समय लग सकता है, लेकिन पुलिस आधुनिक तकनीकों और साइबर फॉरेंसिक की मदद से अपराधियों को पकड़ने का हर संभव प्रयास कर रही है। लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है ताकि वे साइबर ठगी से बच सकें।

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