Delhi Bus Marshals: दिल्ली के 10 हजार बस मार्शल्स के लिए खुशखबरी, 11 नवंबर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
Delhi Bus Marshals: दिल्ली में 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। लंबे समय से जारी आरोप-प्रत्यारोप और अनिश्चितता के बाद, आखिरकार इन वालंटियर्स के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी, और बताया कि सोमवार से यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत, सिविल डिफेंस वालंटियर्स को जल्द ही काम पर लगाया जाएगा, और अगले एक सप्ताह में वे अपनी ड्यूटी पर होंगे।
प्रदूषण के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे सिविल डिफेंस वालंटियर्स
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इन 10 हजार सिविल डिफेंस वालंटियर्स की नियुक्ति को मंजूरी दी है, और यह चार महीने प्रदूषण के खिलाफ चल रही मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार जल्द ही लेफ्टिनेंट गवर्नर को सिविल डिफेंस वालंटियर्स की स्थायी नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजेगी, लेकिन तब तक इन वालंटियर्स को प्रदूषण के खिलाफ काम करने के लिए फरवरी तक तैनात किया जाएगा।
आतिशी ने यह भी बताया कि इन वालंटियर्स का योगदान प्रदूषण हॉटस्पॉट्स की निगरानी, खुले में कूड़ा जलाने की घटनाओं को रोकने, और शिकायतों के फॉलो-अप में अहम होगा। इसके अलावा, वे निर्माण सामग्री के कचरे का प्रबंधन, डीजल जनरेटर के अवैध उपयोग पर निगरानी और ग्रीन दिल्ली ऐप से प्राप्त शिकायतों का भी समाधान करेंगे। इस प्रकार, सिविल डिफेंस वालंटियर्स प्रदूषण नियंत्रण के काम में अहम भूमिका निभाएंगे।
रजिस्ट्रेशन के 2-3 दिन में तैनाती
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स के लिए सोमवार से कॉल-आउट नोटिस जारी किए जाएंगे, और वे विभिन्न जिलाधिकारी कार्यालयों में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के बाद, उन्हें 2-3 दिन के भीतर तैनात किया जाएगा। आतिशी ने कहा कि इन वालंटियर्स की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि चाहे बीजेपी कितना भी प्रयास करे, दिल्ली सरकार का काम रुकने नहीं दिया जाएगा। जो काम बीजेपी ने रुकवाए थे, उन्हें भविष्य में भी इसी तरह पूरा किया जाएगा।
बीजेपी का आरोप: 1 नवंबर से मिलना चाहिए था मानदेय
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि एक साल पहले आम आदमी पार्टी की सरकार ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स (सीडीवी) को उनकी नौकरी से हटा लिया था। बीजेपी के दबाव के कारण अब मुख्यमंत्री आतिशी को उनकी सेवा फिर से बहाल करने का आदेश देना पड़ा। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर ने दिल्ली सरकार से 1 नवंबर से सीडीवी को तैनात करने का आदेश दिया था, और इन्हें उसी समय से मानदेय भी दिया जाना चाहिए था।
विपक्ष के नेता विजयेंद्र गुप्ता ने भी दिल्ली सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि 10 हजार सीडीवी की सेवा को बहाल करने का फैसला काफी देर से लिया गया है। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर ने सीडीवी को नियमित करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया है। इससे सीडीवी के भविष्य पर संकट बना हुआ है और सरकार ने इनसे धोखा किया है।
सीडीवी के भविष्य पर सवाल
बीजेपी के नेता यह भी कहते हैं कि सरकार द्वारा नियमित करने के प्रयास न किए जाने के कारण सीडीवी का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। उनका कहना है कि सरकार इनकी सेवा को नियमित नहीं करना चाहती, इसलिए इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे सीडीवी के साथ अन्याय हो रहा है, और यह उनके साथ धोखा है।
आखिरकार, दिल्ली सरकार के इस फैसले से सिविल डिफेंस वालंटियर्स को राहत मिली है, लेकिन अब यह देखना होगा कि सरकार इनकी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया में कितनी तेजी लाती है और क्या भविष्य में इनकी सेवा को स्थायी रूप से नियमित किया जाएगा।