Delhi Chhth Puja 2024: दिल्ली में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच छठ पूजा को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच पुरवांचल और बिहार के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए छठ पूजा के आयोजन को लेकर तनातनी बढ़ गई है। दिल्ली के सट्टपुरा पार्क में छठ घाट के निर्माण को लेकर आप ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें यह दावा किया गया है कि भाजपा ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के माध्यम से छठ घाट का काम रोक दिया है और पार्क का गेट बंद कर दिया है।
आप का प्रदर्शन और आरोप
आप कार्यकर्ता सट्टपुरा पार्क के बाहर धरना दे रहे हैं, जिसमें मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी भाग लिया। मुख्यमंत्री अतीशी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि छठ घाट के काम को रोकना निंदनीय है। उन्होंने कहा, “सट्टपुरा में छठ घाट के काम को रोकना पुरवांचलियों की आस्था का अपमान है। यह भाजपा के anti-Purvanchal चेहरे को एक बार फिर उजागर करता है।” इसके साथ ही, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आप लंबे समय से कह रही है कि भाजपा केवल हिंदू समर्थक होने का दिखावा करती है, जबकि वास्तव में यह गरीबों, दलितों और पुरवांचल के खिलाफ है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
आप के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा नेता और जन सेवा समिति के सूरज चौहान ने दावा किया कि उन्हें छठ पूजा के लिए DDA से अनुमति मिली है। भाजपा प्रवक्ता और निगम परिषद की सदस्य शिखा राय ने आप के आरोपों पर पलटवार करते हुए इसे anti-Hindu करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 16 वर्षों से इस पार्क में छठ पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता छठ से कुछ दिन पहले पार्क पर कब्जा कर लेते हैं और अपनी मर्जी से वहां कार्य करते हैं।
दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
सूरज चौहान ने कहा कि जब स्थानीय लोग शनिवार को पार्क की सफाई के लिए पहुंचे, तो उन्हें रोका गया। उन्होंने कहा, “जब मुझे इस बारे में पता चला, तो मैंने खुद वहां जाकर सफाई करने की कोशिश की, लेकिन आप कार्यकर्ताओं ने मुझे भी रोका और स्थानीय लोगों को धमकी दी।” इसके साथ ही, आप कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे यहां छठ पूजा नहीं होने देंगे।
इस राजनीतिक विवाद ने दिल्ली में छठ पूजा को लेकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है। एक ओर जहां आप अपने कार्यकर्ताओं के धरने के माध्यम से भाजपा के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने आप पर आरोप लगाते हुए इसे राजनीतिक ड्रामा करार दिया है।
पुरवांचल की राजनीति
दिल्ली में पुरवांचल के मतदाताओं को आकर्षित करना हर राजनीतिक पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होता है। छठ पूजा, जो कि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, इस समुदाय के लोगों के लिए खास महत्व रखती है। ऐसे में दोनों दलों का इस पर ध्यान केंद्रित करना स्वाभाविक है। भाजपा और आप दोनों ही यह समझते हैं कि अगर वे इस समुदाय का समर्थन प्राप्त करने में सफल रहते हैं, तो चुनाव में उन्हें एक महत्वपूर्ण लाभ मिल सकता है।
छठ पूजा की महत्वता
छठ पूजा का आयोजन चार दिन तक चलता है और इस दौरान श्रद्धालु सूर्य देवता और छठ माता की पूजा करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक एकता और समुदाय की भावना को भी मजबूत करता है। दिल्ली में इस पूजा के आयोजन को लेकर राजनीति का गरमाना यह दर्शाता है कि कैसे धार्मिक आयोजनों का राजनीतिकरण किया जा सकता है।
छठ पूजा के आयोजन को लेकर दिल्ली में चल रही यह राजनीतिक लड़ाई न केवल भाजपा और आप के बीच की खाई को उजागर करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या राजनीति को त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के संदर्भ में सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए या इसे एक राजनीतिक हथियार बना दिया गया है।
आखिरकार, यह केवल राजनीति का खेल नहीं है, बल्कि दिल्ली के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का मामला है। हमें उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इस बात का ध्यान रखेंगे कि छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण पर्व को राजनीतिक हितों से परे रखकर, इसे एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाए। यह समाज के लिए और विशेष रूप से पुरवांचल के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उनकी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है।