Delhi Elections 2025: आज अरविंद केजरीवाल फिर करेंगे बड़ा ऐलान, जानें किसे होगा फायदा?

Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीति तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली के स्लम क्षेत्र में जाएंगे। अरविंद केजरीवाल वहां स्लम वासियों से मिलेंगे और सुबह 11:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इस दौरान केजरीवाल एक बड़ा ऐलान करने वाले हैं, जिसकी चर्चा पहले से ही हो रही है।
अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अमित शाह ने दिल्लीवासियों और उनके खिलाफ बहुत सारी गालियां दीं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली के लोग 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव में अमित शाह को करारा जवाब देंगे।
कौन होगा केजरीवाल के ऐलान से प्रभावित?
अरविंद केजरीवाल के इस बड़े ऐलान के बाद दिल्ली के स्लम वासियों को इसका सबसे बड़ा फायदा हो सकता है। केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्लम वासियों के खिलाफ झूठ बोला है और चुनाव के बाद इन स्लम क्षेत्रों को तोड़ने की योजना बनाई है। इसके अलावा, केजरीवाल ने कहा कि वह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी के गंदे इरादों को उजागर करेंगे और इसके लिए पूरी तरह से सबूत पेश करेंगे।
अरविंद केजरीवाल के आरोपों का महत्व
अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह पर तीखे आरोप लगाए। उनका कहना था कि अमित शाह ने दिल्ली की जनता और उनके खिलाफ न केवल अपशब्द कहे, बल्कि उन्हें और उनके स्लम क्षेत्र को खत्म करने की योजना बनाई है। केजरीवाल के अनुसार, ये आरोप केवल झूठे नहीं हैं, बल्कि इसमें भाजपा की गंदी राजनीति की झलक है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह स्लम वासियों के साथ मिलकर उनका पक्ष देंगे और इस मुद्दे पर केंद्रीय सरकार की मंशा को उजागर करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह चुनाव के बाद स्लम क्षेत्र के विकास की योजना को लेकर अपनी नई पहल भी प्रस्तुत करेंगे।
दिल्ली की राजनीति में बढ़ता तनाव
अरविंद केजरीवाल का यह ऐलान दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को और भी गर्म कर सकता है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच पहले ही कई मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है। अब जब केजरीवाल ने स्लम क्षेत्र को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाए हैं, तो यह मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव के अहम चुनावी एजेंडे में शामिल हो सकता है।
दिल्ली के स्लम वासियों के लिए क्या खास?
स्लम वासी आम तौर पर इस तरह की राजनीति से सीधे प्रभावित होते हैं, क्योंकि उनके पास अपनी आवाज़ उठाने के बहुत कम मौके होते हैं। ऐसे में, जब अरविंद केजरीवाल ने स्लम वासियों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया है, तो उन्हें एक सशक्त समर्थक मिल सकता है।
स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोग अक्सर विकास योजनाओं से बाहर रहते हैं और उनके सामने रोज़मर्रा की समस्याएँ होती हैं, जैसे पानी, सफाई, बिजली, सड़कों की स्थिति आदि। अरविंद केजरीवाल ने पहले भी अपने शासन में इन क्षेत्रों के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं और यह देखा गया है कि उनका इन क्षेत्रों में अच्छा समर्थन है।
बीजेपी के खिलाफ केजरीवाल का हमला
अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि बीजेपी ने दिल्ली के स्लम क्षेत्रों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई है और चुनावों के बाद इन क्षेत्रों को तोड़ने का काम करेगी। केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह इस बारे में बीजेपी के मंसूबों को पूरी तरह से उजागर करेंगे और सबूतों के साथ जनता को दिखाएंगे कि बीजेपी की क्या योजना है।
केजरीवाल का यह दावा दिल्ली के स्लम वासियों के बीच बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बना सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने हमेशा दिल्ली की जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया है और उनके विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
स्लम वासियों के अधिकारों की रक्षा पर जोर
अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के सभी वर्गों, विशेष रूप से स्लम वासियों के लिए काम करना है। उन्होंने यह वादा किया कि उनकी सरकार हमेशा स्लम क्षेत्रों के विकास के लिए काम करेगी और किसी को भी उनके घरों से बेघर नहीं किया जाएगा।
इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के स्लम वासियों के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जैसे मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएँ। अब जब केजरीवाल ने फिर से स्लम वासियों की ओर अपनी राजनीति का रुख किया है, तो इससे इस वर्ग को बीजेपी के खिलाफ एक और मजबूत आधार मिल सकता है।
अरविंद केजरीवाल का यह बड़ा ऐलान दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे स्लम वासियों के बीच उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ सकती है। उनके इस आरोप ने भाजपा के खिलाफ एक नई बहस को जन्म दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली चुनाव में यह मुद्दा कितना महत्वपूर्ण बनता है।