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Delhi-NCR New Guidelines: दिल्ली-NCR में इन वाहनों की ड्राइविंग पर लगी रोक, प्रदूषित हवा के कारण लिया गया फैसला

Delhi-NCR New Guidelines:  दिल्ली-NCR में लागू किए गए नए दिशा-निर्देश: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती सर्दी और हवा की खराब स्थिति के कारण अब और सख्त कदम उठाए गए हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने 3 जनवरी शुक्रवार से स्टेज 3 के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। ये प्रतिबंध दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत लागू किए गए हैं। CAQM ने 7 बजे तक दिल्ली में 375 AQI रिकॉर्ड किया, जो यह दर्शाता है कि राजधानी की हवा बेहद खराब हो चुकी है।

दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली इन वाहनों पर लगी रोक

GRAP स्टेज 3 के लागू होने के बाद, अब BS 3 पेट्रोल और BS 4 डीजल चार-पहिया वाहनों की दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही BS 4 डीजल वाहनों के अलावा, डीजल पर चलने वाले गैर-जरूरी मीडियम गुड्स वाहनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। CAQM के नोटिस में कहा गया है कि ‘खराब वायु गुणवत्ता और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत, GRAP की उप-समिति ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही सभी एजेंसियों की यह जिम्मेदारी है कि वे दिल्ली-एनसीआर में स्टेज 1, 2 और 3 के तहत लागू प्रतिबंधों का पालन करें और उनकी जांच करें।’

BS 3 पेट्रोल और BS 4 डीजल वाहनों के खतरनाक प्रभाव

BS 3 पेट्रोल वाहनों में ऐसे वाहन आते हैं जो कई खतरनाक प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन करते हैं। इन वाहनों से निकलने वाला नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) वायु को जहरीला बनाता है और इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। इसी तरह, BS 4 डीजल वाहन भी इस श्रेणी में आते हैं, जो प्रदूषण फैलाते हैं और हवा में हानिकारक तत्व छोड़ते हैं। ऐसे वाहनों से निकलने वाले गैसों में PM 2.5 और अन्य घातक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।

Delhi-NCR New Guidelines: दिल्ली-NCR में इन वाहनों की ड्राइविंग पर लगी रोक, प्रदूषित हवा के कारण लिया गया फैसला

दिल्ली में लागू किए गए अन्य दिशा-निर्देश

दिल्ली के अलावा, एनसीआर क्षेत्र में कुछ अन्य प्रतिबंध भी लागू किए गए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है। यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, सड़कों पर धूल की समस्या को भी नियंत्रण में लाने के लिए कुछ विशेष उपाय किए गए हैं, जिनमें सड़कों की नियमित सफाई और कवरिंग की प्रक्रिया शामिल है।

क्या प्रभाव पड़ेगा दिल्ली-एनसीआर में?

इन नए दिशा-निर्देशों के लागू होने से, विशेषकर उन वाहन मालिकों को परेशानी हो सकती है जो BS 3 और BS 4 वाहनों के मालिक हैं। हालांकि, प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। दिल्ली-एनसीआर में वाहन प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा बन चुका है और इस पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा, अन्य प्रदूषणकारी तत्वों के प्रभाव को भी कम करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

क्यों जरूरी हैं ये प्रतिबंध?

दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में दिन-प्रतिदिन गिरावट आ रही है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। विशेष रूप से, छोटे बच्चों, वृद्ध लोगों और सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को प्रदूषण का अधिक असर होता है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत, प्रदूषण के स्तर के आधार पर विभिन्न कदम उठाए जाते हैं, ताकि वायु गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके और नागरिकों के स्वास्थ्य को बचाया जा सके। ये दिशा-निर्देश दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए बेहद आवश्यक हैं।

क्या है GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान)?

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) एक ऐसी योजना है जिसे खास तौर पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें विभिन्न स्टेजों पर आधारित प्रतिबंधों की व्यवस्था होती है। जब AQI (Air Quality Index) एक निश्चित स्तर तक पहुंचता है, तब इसमें स्टेज 1, 2 और 3 जैसे प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। इस योजना के तहत, जब वायु गुणवत्ता बेहद खराब होती है, तो कड़े कदम उठाए जाते हैं, जैसे वाहन प्रतिबंध, निर्माण कार्यों पर रोक और औद्योगिक गतिविधियों को नियंत्रित करना।

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए लागू किए गए GRAP के दिशा-निर्देशों से यह स्पष्ट है कि सरकार वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए गंभीर है। BS 3 पेट्रोल और BS 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण में कमी आएगी, और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, निर्माण कार्यों और अन्य प्रदूषणकारक गतिविधियों को भी नियंत्रित किया जा रहा है। हालांकि, इन प्रतिबंधों से कुछ असुविधाएं हो सकती हैं, लेकिन यह दीर्घकालिक दृष्टिकोण से एक आवश्यक कदम है।

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