Delhi Rohini Blast: रहस्यमयी धमाका… अब तक कौन से राज़ खुल चुके हैं? जांच एजेंसियों ने मौके से जुटाए अहम सबूत
Delhi Rohini Blast: रविवार सुबह राजधानी दिल्ली के प्रशांत विहार में CRPF स्कूल के पास जोरदार धमाके के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस धमाके ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। इस धमाके से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां और सबूत अब तक सामने आए हैं, लेकिन अभी भी इस रहस्यमयी धमाके के पीछे की सच्चाई पूरी तरह से उजागर नहीं हो पाई है।
अब तक क्या हुआ है?
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर धमाके की जांच कर रहे हैं। शुरुआती जांच में अधिकारियों को मौके पर सफेद पाउडर मिला, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। इस पाउडर की रिपोर्ट आने की संभावना है, जिससे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं। इसके अलावा, पुलिस ने धमाके के आसपास के क्षेत्र में सभी मोबाइल कंपनियों के नंबरों की जांच की योजना बनाई है।
जांच एजेंसियों का प्रयास
जांच के दौरान, पुलिस और एजेंसी के अधिकारियों ने आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को जब्त कर लिया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डंप डेटा से कोई सुराग मिल सकता है। अधिकारियों ने लगभग पांच घंटे तक स्थल पर जांच की और रसायन तथा विस्फोटक सामग्री की जांच में जुटे रहे, लेकिन अभी तक कोई निर्णायक नतीजा नहीं निकल सका है।
सफेद पाउडर और तार मिले
धमाके के स्थल से सफेद पाउडर और कुछ तार भी मिले हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक कम क्षमता वाला विस्फोटक हो सकता है। सफेद पाउडर की प्रकृति को समझने के लिए इसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। तारों की जांच भी की जा रही है कि क्या वे धमाके के लिए इस्तेमाल किए गए थे या पहले से ही वहां पड़े हुए थे।
जांच एजेंसियों को इस बात का शक है कि यह एक क्रूड बम हो सकता है, क्योंकि धमाका इतना तेज था कि सड़क के दूसरी ओर की दुकानों के शीशे भी टूट गए। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) ने अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से पूरे क्षेत्र की मैपिंग करके जांच की।
मोबाइल डेटा की जांच
घटना के बाद, दिल्ली पुलिस ने इलाके के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त कर ली है। पुलिस यह भी जांच करेगी कि घटना स्थल से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में उपयोग किए गए मोबाइल नंबरों का डंप डेटा लेकर किसी संदिग्ध का पता लगाया जा सके।
पुलिस को उम्मीद है कि डंप डेटा और सीसीटीवी फुटेज की जांच से आतंकवादी के बारे में सुराग मिल सकते हैं। सीआरपीएफ स्कूल रिंग रोड के पास है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि आतंकवादी ने पहले उस क्षेत्र और स्थल का रैकी की होगी और फिर विस्फोटक लगाकर रिंग रोड से भाग निकला होगा।
सफेद धुएं का बादल
रविवार सुबह जब प्रशांत विहार में सीआरपीएफ स्कूल की बाउंड्री वॉल के पास जोरदार धमाका हुआ, तो स्थानीय लोगों ने पहले सोचा कि पड़ोस के किसी घर में सिलेंडर फट गया है। लोग अपने घरों से बाहर निकले और देखा कि चारों तरफ सफेद धुएं का एक बड़ा बादल छा गया है। रासायनिक गंध की वजह से लोगों को अपने घरों से बाहर आने में भी मुश्किल हो रही थी।
वहीं, लोगों ने बताया कि रविवार की छुट्टी होने के कारण वे देर तक घरों में सो रहे थे। धमाके की आवाज और कंपन से उनके बिस्तर और घर हिल गए। अधिकतर लोगों को लगा कि यह सिलेंडर ब्लास्ट या किसी इमारत के ढहने का मामला है।
चश्मदीदों का बयान
घटना स्थल के पास मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि कुछ समय के लिए उनके कान सुन्न हो गए। तेज गंध वाला धुआं फैलने से सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। कई घरों में बीमार और बुजुर्ग लोगों को कुछ समय तक सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ा।
जांच एजेंसियों की चुनौतियां
हालांकि, इस धमाके के बाद सभी एजेंसियां और पुलिस अधिकारी पूरी मुस्तैदी से मामले की जांच में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका है। सफेद पाउडर और तारों की जांच जारी है, लेकिन धमाके की असली वजह और इसके पीछे के लोगों का पता लगाना अभी बाकी है।
घटना स्थल के आसपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से उम्मीद की जा रही है कि जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग मिलेगा। इसके अलावा, मोबाइल कंपनियों से प्राप्त डंप डेटा से भी संभावित संदिग्धों की पहचान हो सकती है।
सुरक्षा और सतर्कता
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी हैं। विशेष रूप से ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में, जहां बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं, सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं। इसके साथ ही, घटना स्थल पर मौजूद सभी सबूतों की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि जल्द से जल्द मामले का खुलासा हो सके।