सत्यखबर,(चण्डीगढ़)
हरियाणा के डी.जी.पी. मनोज यादव की एक्सटैंशन पर गृह मंत्री अनिल विज के तेवर लगातार तीखे होते जा रहे हैं। उन्होंने नए डी.जी.पी. के नामों के पैनल की स्वीकृत के लिए शुक्रवार को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को फिर पत्र लिखा है। पत्र में साफ कहा है कि डी.जी.पी. यादव की तैनाती के समय इंटैलीजैंस ब्यूरो (आई.बी.) और राज्य सरकार की ओर से जारी पत्र में 2 वर्ष के कार्यकाल का ही जिक्र किया गया था। लिहाजा अब कानूनन एक्सटैंशन पर नहीं रखा जा सकता है। यह भी कहा कि गृह सचिव द्वारा सुप्रीम कोर्ट के जिस आदेशों की दुहाई दी जा रही है वह इस पर लागू नहीं होता है। हालांकि विभाग ने पैनल तैयार कर दिया है लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण अभी लंबित है।
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गृह मंत्री का कहना है कि जब सरकार ने डी.जी.पी. का कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया तो फिर एक्सटैंशन का मतलब क्या है। डी.जी.पी. बनने की लाइन में दूसरे अफसर हैं उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। किसी भी अफसर का हक मारना नहीं है। उनका मानना है कि ऐसा नहीं होने से लोग कोर्ट का सहारा लेंगे जो सरकार के लिए ठीक नहीं है। गृह सचिव ने मंत्री के पहले पत्र का जवाब देते हुए कानूनी तर्क दिया है। उनके मुताबिक डी.जी.पी. की नियुक्ति के समय आई.बी. और सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल का जिक्र किया है पर सरकार एक्सटैंशन देने में स्वतंत्र है। अब देखना यह है कि विज के दूसरे पत्र पर गृह सचिव की ओर से क्या कानूनी तर्क दिया जाता है।
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