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Diljit Dosanjh और उनका शहर लुधियाना, बचपन से सफलता तक की कहानी

पंजाबी गायक और अभिनेता Diljit Dosanjh का लुधियाना से बेहद गहरा नाता है। यह वही शहर है जहां उन्होंने अपने बचपन के दिन बिताए, पढ़ाई की और अपने गायन करियर की शुरुआत की। लुधियाना ने उन्हें वह मंच दिया, जहां से उन्होंने अपने सपनों की उड़ान भरी। दिलजीत के बचपन की यादें और दोस्तियां आज भी उनके दिल में बसी हुई हैं।

संघर्ष के दिनों के साथी तजिंदर सिंह कोहली

दिलजीत दोसांझ के शुरुआती दिनों में उनके पास साधन सीमित थे। उन दिनों उनके दोस्त तजिंदर सिंह कोहली ने हर मुश्किल समय में उनका साथ दिया। कोहली, जो अब लुधियाना के दुगरी इलाके में रहते हैं, दिलजीत के जीवन के हर उतार-चढ़ाव में उनके साथ रहे। एक समय ऐसा भी था जब दिलजीत के पास चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में जाने के लिए बस का किराया तक नहीं था। उस समय कोहली ने उन्हें 150 रुपये दिए, जिससे वह चंडीगढ़ पहुंचे।

दोस्ती का बंधन: आज भी कायम

आज दिलजीत करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन उन्होंने कोहली को कभी नहीं भुलाया। अब जब भी दिलजीत भारत या विदेश में किसी कार्यक्रम में जाते हैं, कोहली उनके साथ रहते हैं। हाल ही में, जब दिलजीत कश्मीर की वादियों में छुट्टियां मनाने गए थे, तब भी कोहली उनके साथ थे।

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लुधियाना से गहरा लगाव

दिलजीत का लुधियाना के प्रति प्यार तब झलकता है जब वह चुपचाप अपने दोस्त कोहली के घर जाते हैं। वह रात के अंधेरे में आते हैं ताकि किसी को यह न पता चले कि वह शहर में हैं। दिलजीत ने अपने पहले एल्बम ‘इश्क दा उड़ा-अड्डा’ की शुरुआत भी लुधियाना से की थी।

लुधियाना का खाना और बाजार

दिलजीत जब भी लुधियाना आते हैं, वह यहां के बाजार और खाने का लुत्फ जरूर उठाते हैं। हाल ही में एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने घंटाघर और चौड़ा बाजार का दौरा किया और सड़क किनारे छोले-कुलचे खाए। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह है मेरा असली लुधियाना… मेरा शहर लुधियाना।”

दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट का क्रेज

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) में 31 दिसंबर को होने वाले दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट को लेकर प्रशंसकों में जबरदस्त उत्साह है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाई, उनके लिए 27 दिसंबर को दोपहर 2 बजे ब्राउन टिकट उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि, यह टिकट मंच से दूर होंगी और दर्शक स्क्रीन के माध्यम से कार्यक्रम का आनंद ले सकेंगे। इनकी कीमत 3000 रुपये होगी।

टिकट की ब्लैक मार्केटिंग

दिलजीत के कॉन्सर्ट की बढ़ती डिमांड के कारण टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग जोरों पर है। 5 हजार की टिकट के लिए 15 हजार, 10 हजार की टिकट के लिए 20 हजार और 50 हजार की टिकट के लिए 70 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं।

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पुलिस की सतर्कता

पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने मीडिया को बताया कि टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग की अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत आती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, कॉन्सर्ट के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

दिलजीत की सफलता की कहानी

11 साल की उम्र में जालंधर के दोसांझ कलां गांव से लुधियाना आए दिलजीत ने स्कूल के दिनों में धार्मिक गीत गाने शुरू किए। कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद, उन्होंने अपनी पहचान बनाई और पंजाबी संगीत और फिल्मों के क्षेत्र में ऊंचाईयों को छुआ।

दिलजीत की कहानी हमें क्या सिखाती है?

दिलजीत दोसांझ की कहानी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष, सच्ची दोस्ती और अपने शहर के प्रति लगाव कैसे इंसान को सफलता के शिखर तक पहुंचा सकते हैं। लुधियाना न केवल उनका शहर है, बल्कि उनकी सफलता की नींव भी है।

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