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DU Colleges: दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों का विशेष ऑडिट शुरू, मुख्यमंत्री अतिशी ने उठाया वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा

DU Colleges: दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी के द्वारा उठाए गए वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे के चलते, दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के 12 कॉलेजों का विशेष ऑडिट शुरू कर दिया है। यह कदम उन गंभीर आरोपों की जांच के लिए उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि कॉलेजों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएँ हो रही हैं। इस लेख में हम इस विशेष ऑडिट की प्रक्रिया, इसकी पृष्ठभूमि और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।

ऑडिट की शुरुआत

दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट के बाद ऑडिट का निर्णय लिया। इस रिपोर्ट के आधार पर, ऑडिट निदेशालय ने 8 सदस्यीय टीम नियुक्त की है जो कॉलेजों का विशेष ऑडिट करेगी। ऑडिट विभाग ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी किया था, जिसमें उच्च शिक्षा निदेशालय के सचिव को ऑडिट टीम को सभी आवश्यक रिकॉर्ड प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया था।

ऑडिट प्रक्रिया का विवरण

आदेश के अनुसार, संबंधित कॉलेजों को सभी रिकॉर्ड, बैठक की व्यवस्थाएं और ऑडिट टीम को सचिवीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। ऑडिट की इस प्रक्रिया में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कॉलेजों में वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार किया जा रहा है और क्या कोई अनियमितताएँ हो रही हैं।

उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक संयुक्त बैठक में, अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद ने इस 10 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला कि 12 DU कॉलेजों में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है, जैसा कि अतिशी ने आरोप लगाया था। विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से समिति की सिफारिशों पर विचार करने का अनुरोध किया है।

DU Colleges: दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों का विशेष ऑडिट शुरू, मुख्यमंत्री अतिशी ने उठाया वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा

मुख्यमंत्री अतिशी के आरोप

अतिशी ने पिछले दिसंबर में 12 दिल्ली विश्वविद्यालय कॉलेजों में वित्तीय अनियमितताओं का जिक्र करते हुए कहा था कि इन कॉलेजों में सार्वजनिक धन के सैकड़ों करोड़ रुपये का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि या तो कॉलेजों को दिल्ली सरकार के अधीन विलीन किया जाए या केंद्र को पूरी तरह से नियंत्रण में लेने दिया जाए। यह आरोप राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा का विषय बना।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस ऑडिट की प्रक्रिया और मुख्यमंत्री के आरोपों की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी महत्वपूर्ण है। दिल्ली सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच कई बार मतभेद सामने आए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है, और विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रखी है।

संभावित परिणाम

यदि ऑडिट में कोई वित्तीय अनियमितता पाई जाती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कॉलेजों के प्रशासन पर कार्रवाई हो सकती है, और राज्य सरकार को इस मामले में कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। दूसरी ओर, यदि ऑडिट में कोई अनियमितता नहीं पाई जाती है, तो यह दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी राहत होगी और यह सरकार की प्रतिष्ठा को भी सुरक्षित रखेगा।

जनता की प्रतिक्रिया

इस ऑडिट की प्रक्रिया पर जनता की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण है। छात्रों और अभिभावकों ने इस मामले को लेकर अपनी चिंताओं का इजहार किया है। कुछ लोग इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे एक आवश्यक कदम मानते हैं ताकि वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

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