Earthquake: जम्मू-कश्मीर और असम में भूकंप के झटके, दहशत में लोग घरों से निकले, जानें तीव्रता और नुकसान का हाल
Earthquake: रविवार को भारत के दो प्रमुख राज्यों, जम्मू-कश्मीर और असम में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले और असम के उदालगुड़ी जिले में आए इन भूकंपों ने एक बार फिर लोगों के मन में भय उत्पन्न कर दिया। हालांकि, अब तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। जम्मू में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई, जबकि असम में यह तीव्रता 4.2 रही।
लोग घबराकर घरों से बाहर निकले
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, “सुबह 6:14 बजे डोडा जिले में रिक्टर पैमाने पर 4 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप धरती के 15 किलोमीटर नीचे सतह पर स्थित था।” अधिकारियों का कहना है कि अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।
जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ रहे हैं भूकंप के मामले
जम्मू-कश्मीर के चेनाब घाटी क्षेत्र, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिले आते हैं, में भूकंप की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पिछले पांच से सात वर्षों में इस क्षेत्र में भूकंपों की आवृत्ति में तेजी देखी गई है। पहले भी इस क्षेत्र में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिससे यहां के लोगों के मन में भूकंप का खौफ बना हुआ है।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है कश्मीर घाटी
कश्मीर घाटी एक भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। यहां के भौगोलिक और भूवैज्ञानिक संरचनाओं के कारण यह इलाका अक्सर भूकंप की चपेट में आता है। 8 अक्टूबर, 2005 को जम्मू-कश्मीर में रिक्टर स्केल पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POJK) में स्थित था, जो कि जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद शहर के उत्तर-पूर्व में 19 किलोमीटर की दूरी पर था। इस भूकंप ने उत्तरी पाकिस्तान, उत्तर भारत और अफगानिस्तान में भारी तबाही मचाई थी।
2005 के भूकंप का कहर
2005 में आए भूकंप ने जम्मू-कश्मीर में तबाही मचा दी थी। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के कई गांव पूरी तरह नष्ट हो गए थे। अनंतनाग, श्रीनगर और बारामुला जिलों सहित कश्मीर घाटी के विभिन्न शहरों में कम से कम 32,335 इमारतें ध्वस्त हो गई थीं। इस भूकंप से हुए जान-माल के नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा पीओके और पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (NWFP) में 79,000 था। हालांकि, अन्य स्रोतों के अनुसार यह आंकड़ा 86,000 था और घायलों की संख्या 69,000 से अधिक आंकी गई थी।
जम्मू-कश्मीर में कम से कम 1,350 लोगों की मौत हुई थी और 6,266 लोग घायल हुए थे। इस भूकंप के झटके दिल्ली तक महसूस किए गए थे, जोकि जम्मू-कश्मीर से करीब 1,000 किलोमीटर दूर है।
असम में भी भूकंप के झटके
उसी दिन असम के उदालगुड़ी जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां पर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 दर्ज की गई। हालांकि, असम में भी किसी प्रकार की जनहानि की कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके से लोग असम के कई इलाकों में भी दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप के बढ़ते खतरे
भारत का भूगोलिक क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और असम जैसे कई राज्य भूकंप के हॉटस्पॉट माने जाते हैं। इन क्षेत्रों में भूकंप की गतिविधियों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिससे स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों में इमारतों और बुनियादी ढांचे को भूकंपरोधी बनाने के लिए सख्त नियमों और मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
भूकंप से बचने के उपाय
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है और इससे पूरी तरह बचा नहीं जा सकता। लेकिन यदि सही समय पर उचित सावधानियां बरती जाएं, तो जनहानि को कम किया जा सकता है। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- भूकंप के समय अपने घर से बाहर खुले स्थान में जाना चाहिए।
- यदि आप घर के अंदर हैं, तो किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपना चाहिए।
- भूकंप के समय लिफ्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- यदि आप गाड़ी चला रहे हैं, तो सड़क किनारे गाड़ी रोककर भूकंप खत्म होने का इंतजार करें।
- भूकंपरोधी इमारतों और संरचनाओं का निर्माण करवाना चाहिए।