ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आप विधायक Amanatullah Khan को किया गिरफ्तार
सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक Amanatullah Khan को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी दिल्ली वक्फ बोर्ड में हुई कथित अनियमितताओं और संपत्तियों के पट्टे देने के मामले में की गई है।
ED की छापेमारी के दौरान हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा
सुबह के समय ED की टीम ने विधायक के घर पर छापा मारा। लेकिन एजेंसी के अधिकारियों को घर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इस दौरान विधायक और अधिकारियों के बीच लंबे समय तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बाद में स्थानीय पुलिस की मदद से ED ने विधायक को गिरफ्तार कर लिया।
वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच में छापा
ED की टीम सुबह करीब छह बजे वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के सिलसिले में Amanatullah Khan के घर पहुंची। उस समय विधायक घर पर ही मौजूद थे। जब अधिकारियों ने घर के अंदर जाने की मांग की, तो विधायक ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद अधिकारी फ्लैट के बाहर सीढ़ियों पर खड़े रहे।
ड्रामा के बीच हुई गिरफ्तारी
इस दौरान विधायक और ED अधिकारियों के बीच जमकर विवाद हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में विधायक यह कहते नजर आ रहे हैं कि अगर उनकी सास की मृत्यु उनकी गिरफ्तारी के कारण होती है, तो इसके लिए ED अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इसके बाद एजेंसी ने स्थानीय पुलिस को मदद के लिए बुलाया और भारी सुरक्षा के बीच करीब छह घंटे बाद विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया। फिर उन्हें पूछताछ के लिए ED कार्यालय ले जाया गया।
अमानतुल्लाह का बयान – कब तक चलेगा यह तानाशाही?
इस मामले को लेकर विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “सुबह-सुबह तानाशाह के आदेश पर उनकी कठपुतली ED मेरे घर पर पहुंच गई है। तानाशाह मुझे और हमारे नेताओं को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। क्या ईमानदारी से जनता की सेवा करना अपराध है? यह तानाशाही कब तक चलेगी?”
विधायक ने कहा कि उन्होंने ED के सभी नोटिसों का जवाब दिया है, फिर भी उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। अमानतुल्लाह खान का कहना है कि उन्हें और उनकी पार्टी को तोड़ने और अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है मामला?
आप विधायक पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अवैध रूप से 32 लोगों की भर्ती की थी। इसके अलावा, उन्होंने बोर्ड के फंड का दुरुपयोग किया और कई संपत्तियों को अवैध रूप से पट्टे पर दिया।