ED raid: केंद्रीय जांच एजेंसी (ED) ने बुधवार की सुबह खन्ना के इकोलाही गांव में कांग्रेस नेता राजदीप सिंह के आवास पर छापा मारा। राजदीप सिंह कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों भारत भूषण आशु और गुरकिरत सिंह कोटली के करीबी माने जाते हैं। उनके कई बड़े कांग्रेस नेताओं के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं। ED की टीम ने सुबह 4 बजे राजदीप के घर पर पहुंचकर जांच शुरू की, और खबर लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी।
अनाज परिवहन घोटाले से जुड़ा मामला
सूत्रों के अनुसार, ED की टीम जालंधर से सुबह 4 बजे खन्ना पहुंची। राजदीप सिंह के घर के अलावा, एशिया के सबसे बड़े अनाज मंडी खन्ना में उनके कमीशन एजेंट की दुकान पर भी जांच की जा रही है। यह जांच पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु से जुड़े टेंडर घोटाले से संबंधित बताई जा रही है। ED का यह कदम अनाज परिवहन घोटाले में राजदीप सिंह की संलिप्तता की जांच के लिए उठाया गया है।
अनाज परिवहन एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा
अनाज परिवहन घोटाला पिछले कांग्रेस सरकार में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था। खन्ना के अनाज मंडी में कमीशन एजेंटों और चावल मिल मालिकों की नाराजगी ने 2022 के चुनावों में कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान पहुंचाया था। कांग्रेस सरकार के इस मुद्दे पर हारने के बाद, अब ED की कार्रवाई के बाद एक बार फिर इस पर चर्चा शुरू हो गई है।
ED की कार्रवाई के पीछे की वजह
ED की जांच का मुख्य उद्देश्य यह है कि कांग्रेस नेता राजदीप सिंह का अनाज परिवहन घोटाले में कितना हाथ है। इससे पहले भी भारत भूषण आशु पर आरोप लग चुके हैं कि उन्होंने अनाज परिवहन के लिए असंगठित तरीके से टेंडर जारी किए और इससे जुड़े भ्रष्टाचार में उनका हाथ था। राजदीप सिंह की भूमिका इस मामले में संदिग्ध बताई जा रही है, और इस कारण ED ने उनके घर और व्यापारिक ठिकानों पर छापा मारा है।
जांच की प्रक्रिया
ED की टीम ने राजदीप सिंह के घर पर और उनके कमीशन एजेंट की दुकान पर दस्तावेजों और अन्य सामग्री की जांच की। जांच की प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया गया है, जिनसे आगे की जांच में मदद मिल सकती है। यह जांच यह तय करेगी कि क्या राजदीप सिंह ने अनाज परिवहन के मामले में किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ED की कार्रवाई के बाद, स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मची हुई है। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध और सत्ताधारी दल की दबाव की राजनीति करार दिया है। पार्टी का कहना है कि ED की कार्रवाई का उद्देश्य राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना है और कांग्रेस के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाना है।
दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं की संलिप्तता की आलोचना की है और इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सही कदम बताया है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए कई मामलों में अनियमितताओं को बढ़ावा दिया और अब उन पर कार्रवाई होना आवश्यक है।
भविष्य की संभावनाएँ
ED की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अनाज परिवहन घोटाले में जांच अब एक नया मोड़ ले सकती है। अगर राजदीप सिंह के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं, तो यह मामला और भी गंभीर हो सकता है। इससे कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनावों में भी एक बड़ा राजनीतिक झटका लग सकता है, और पार्टी की छवि को भी नुकसान हो सकता है।
साथ ही, अगर राजदीप सिंह पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है, तो यह और भी विवादित मुद्दा बन सकता है। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए, यह माना जा रहा है कि भविष्य में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं जो राजनीति के खेल को प्रभावित कर सकते हैं।