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गुटबाजी, पेपर लीक या लाल डायरी… क्यों फेल हुआ राजस्थान में गहलोत का जादू

सत्य खबर/नई दिल्ली:

Factionalism, paper leak or red diary… why Gehlot’s magic failed in Rajasthan

कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले अशोक गहलोत इस बार राजस्थान में कोई जादू नहीं दिखा सके. प्रदेश में पिछले तीन दशकों की रीति-नीति को बदलने का कांग्रेस नेताओं का दावा पूरी तरह से फेल साबित हुआ। राजस्थान में अशोक गहलोत का जादू तो फेल हो गया लेकिन मोदी मैजिक का पूरा असर दिखा और बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. राजस्थान में पांच साल बाद एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही है.
इस बार राजस्थान में बीजेपी की ओर से किसी को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया गया था और पार्टी पीएम मोदी के नाम और काम के दम पर चुनाव मैदान में उतरी थी. अपनी चुनावी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने गुटबाजी, लाल डायरी, पेपर लीक, महिलाओं के खिलाफ अपराध और भ्रष्टाचार जैसे प्रमुख मुद्दों पर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. पीएम मोदी द्वारा उठाए गए इन मुद्दों को राजस्थान में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है.

गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दो बड़े दावेदार बनकर उभरे. हालांकि, पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत के पक्ष में फैसला देते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनने के लिए मना लिया था. सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी कभी नहीं बन पाई. 2020 में उन्होंने कई अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर भी गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी. हालांकि प्रियंका गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के हस्तक्षेप के बाद सचिन पायलट पार्टी में बने रहे, लेकिन समय-समय पर वह गहलोत सरकार पर हमला करते रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की तमाम कोशिशों के बावजूद दोनों नेताओं के बीच ट्यूनिंग नहीं बन पाई. पार्टी में दोनों नेताओं के अलग-अलग गुट बन गए और इस गुटबाजी ने अंततः पार्टी को बर्बाद कर दिया.

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पेपर लीक मामले का असर

राजस्थान में पेपर लीक मामला काफी समय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गले की फांस बना हुआ था और युवाओं में इसे लेकर काफी नाराजगी थी. भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होते रहे और गहलोत सरकार इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई. पेपर लीक मामले को लेकर सचिन पायलट समेत कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता भी समय-समय पर सवाल उठाते रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी रैलियों में पेपर लीक का मामला जोर-शोर से उठाया था. उन्होंने कहा कि अगर राज्य के बड़े कोचिंग संस्थानों पर छापेमारी होगी तो पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के ही नाम सामने आयेंगे. पेपर लीक मामला भी पार्टी की डूबने की बड़ी वजह माना जा रहा है.

लाल डायरी बनी मुसीबत

लाल डायरी का मुद्दा लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में छाया हुआ है. कभी गहलोत के करीबी रहे राजेंद्र गुढ़ा ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का हिसाब-किताब लाल डायरी में दर्ज करने की बात कही थी. बाद में उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कई बार लाल डायरी से जुड़े राज खोले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने लाल डायरी मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश की.
उन्होंने लाल डायरी के जरिए गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा कि लाल डायरी के पन्नों का राज खुलने से अशोक गहलोत की शामत आ गई है. साफ है कि इस डायरी में उसके काले कारनामे दर्ज हैं. लाल डायरी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गले की फांस बन गई.

भ्रष्टाचार के मामलों की गूंज

भ्रष्टाचार के मुद्दे की गूंज भी गहलोत राज में लगातार सुनाई देती रही. अवैध खनन के मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमले हो रहे थे. इसके साथ ही ईडी ने पेपर लीक मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं के घर पर भी छापेमारी की. हालांकि अशोक गहलोत ने छापेमारी को राजनीति से प्रेरित कदम बताया, लेकिन वह अपनी सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों से नहीं बचा सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनाव के दौरान हर जगह भारी मात्रा में पैसा और सोना मिल रहा है. प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ये सोना आलू से नहीं बनता. राजस्थान में लॉकर खुलते ही लूटा हुआ माल नजर आने लगा है. जब मोदी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करवा रहे हैं तो गहलोत साहब मुझे कोसने में लगे हैं।’ चाहे मुझे कितनी भी गालियां दी जाएं, भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को जेल जाना ही पड़ेगा।’

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध

राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को भी बीजेपी मुद्दा बनाने में कामयाब रही. हाल के दिनों में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कई बड़े अपराध हुए हैं, जिससे गहलोत सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है. पीएम मोदी और अन्य बीजेपी नेताओं ने भी महिलाओं के खिलाफ अपराध को बड़ा मुद्दा बनाया. राजस्थान की चुनावी सभा में पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान की स्थिति यह हो गई है कि मंत्री विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को मर्दानगी की संज्ञा दे रहे हैं। ऐसे लोगों ने राजस्थान की महिलाओं के साथ ही मर्दानगी का भी अपमान किया है।

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