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Fake bomb threats: देशभर में बढ़ते फर्जी बम धमकियों के मामलों पर सरकार का बड़ा फैसला

Fake bomb threats: देशभर में फर्जी बम धमकी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह धमकियां एयर ट्रैवल के दौरान यात्रियों को लगातार परेशान कर रही हैं। जब भी कोई धमकी मिलती है, तब विमान को जांच के लिए रोक दिया जाता है, जिससे यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कठिनाई होती है। हाल ही में संसद में सरकार द्वारा दी गई जानकारी ने सभी को चौंका दिया है। सरकार ने बताया कि पिछले दो सालों में 1100 से ज्यादा फर्जी बम धमकियां मिल चुकी हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं।

क्या है पूरा मामला?

भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री ने 28 नवंबर को लोकसभा में जानकारी दी कि 22 अगस्त 2022 से लेकर 14 नवंबर 2024 तक कुल 1148 फर्जी बम धमकियां प्राप्त हुई हैं। ये धमकियां कॉल्स और मैसेज के माध्यम से दी गई हैं। इनमें से अधिकांश धमकियां वायु मार्ग से संबंधित थीं, जिससे विमान सेवाओं में रुकावट आई और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

Fake bomb threats: देशभर में बढ़ते फर्जी बम धमकियों के मामलों पर सरकार का बड़ा फैसला

वर्ष 2024 में अकेले 999 फर्जी बम धमकियां प्राप्त हुई हैं। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है, क्योंकि धमकी मिलने के बाद हर बार एयरलाइंस को पूरी जांच प्रक्रिया करनी होती है, जिससे उड़ान में देरी होती है। परिणामस्वरूप, यात्रियों को काफी समय की हानि होती है और एयरलाइंस को भी वित्तीय नुकसान होता है।

इस पर क्या कदम उठाए गए?

फर्जी बम धमकियों के मामलों को लेकर सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं, उनके बारे में भी जानकारी दी गई है। जनवरी 2024 से लेकर अब तक 256 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से 163 एफआईआर 14 अक्टूबर से 14 नवंबर 2024 के बीच दर्ज की गई हैं, जो यह दर्शाता है कि इस प्रकार की धमकियां बढ़ती जा रही हैं।

गिरफ्तार किए गए लोग विभिन्न स्थानों से हैं और यह मामले पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सामने आए हैं। हालांकि, सरकार को यह लगता है कि यह कदम पर्याप्त नहीं हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कानून में बदलाव जरूरी है।

सरकार कानून में बदलाव पर विचार कर रही है

सरकार ने इस मामले में कानून में बदलाव करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि फर्जी बम धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और कानून में जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं।

ऐसी स्थिति में सरकार की योजना है कि “एयरक्राफ्ट (सुरक्षा) नियम, 2023” में बदलाव किया जाए, ताकि फर्जी धमकियों देने वालों को सख्त सजा मिल सके। इसके अलावा, यह भी प्रस्तावित किया गया है कि जो लोग बार-बार फर्जी धमकियां देंगे, उन्हें “नो-फ्लाई लिस्ट” में डाला जा सकता है, जिससे उन्हें हवाई यात्रा करने की अनुमति न मिले।

यह कदम इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए उठाए जा रहे हैं, ताकि विमान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और हवाई यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली असुविधाओं को कम किया जा सके।

क्या सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है?

देश में बढ़ती फर्जी बम धमकियों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त हैं? क्या वर्तमान में लागू सुरक्षा नियम और जांच प्रक्रियाएं इस समस्या का समाधान करने के लिए सक्षम हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कड़ी सजा और दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इन घटनाओं को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। यह भी जरूरी है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ-साथ पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम करें और फर्जी धमकियों को गंभीरता से लें।

यात्रियों के लिए असुविधा

फर्जी बम धमकियों के मामलों के कारण आम यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब भी कोई धमकी मिलती है, तो संबंधित विमान को तुरंत रोका जाता है और पूरी तरह से जांच की जाती है, जिससे उड़ान में देरी होती है। कई बार यात्रियों को अपनी यात्रा को स्थगित करना पड़ता है, या फिर अन्य उड़ान विकल्पों की तलाश करनी पड़ती है। इसके साथ ही, एयरलाइंस भी इस प्रकार की घटनाओं के कारण वित्तीय नुकसान उठाती हैं।

इसके अलावा, विमान के भीतर एक बार बम धमकी की सूचना मिलने के बाद, यात्रियों के बीच भय और असुरक्षा की भावना पैदा हो जाती है, जो पूरे विमान यात्री अनुभव को खराब कर देती है। ऐसे मामलों में, किसी भी गलती के लिए हर व्यक्ति को जांच के लिए परेशान किया जाता है, जिससे यात्रियों में असंतोष बढ़ता है।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता

इस बढ़ते मुद्दे को देखते हुए यह भी जरूरी है कि समाज में इस मुद्दे के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। लोग यह समझें कि फर्जी धमकियां देने के परिणाम गंभीर हो सकते हैं और इससे न केवल हवाई यात्रा में असुविधा होती है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ता है।

इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में इस विषय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, ताकि युवा वर्ग इस समस्या की गंभीरता को समझे और फर्जी सूचना फैलाने से बचें।

भारत में बढ़ते फर्जी बम धमकियों के मामलों ने सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को चिंतित कर दिया है। इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए सख्त कानून, सजा और सुरक्षा उपायों की जरूरत है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और उनकी यात्रा में सुधार लाने के लिए आवश्यक हैं। सरकार को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि फर्जी धमकियों को सख्ती से रोका जा सके और नागरिकों को सुरक्षित हवाई यात्रा का अनुभव मिल सके।

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