सत्य खबर । पलवल(मुकेश बघेल)
किसान संघर्ष पलवल ने कृषि कानूनी बिलों को वापस लेने व न्यूनतनम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया। साथ ही उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि कृषि कानून में किसानों की सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता दी जाए। किसान मंडी व्यवस्था को पहले की तरह कायम रखा जाए। कृषि कानूनों का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ बनाए गए मुकदमों को बेशर्त वापस किया जाए।
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भारतीय किसान यूनियन के महासचिव रतन सिहं सौरोत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है। तीनों कानूनी बिलों से देश का किसान असंतुष्ट है। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को तीनों कृषि अध्यादेश वापस लेने होंगे।
वहीं पलवल के नेशनल हाईवे नंबर 19 पर अटोहा गांव के निकट किसानों ने कृषि अध्यादेशों के विरोध में भूख हडताल की। भूख हडताल पर बैठे किसानों ने कहा कि कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानों में असंतोष है। केंद्र सरकार कृषि अध्यादेशों को वापस लें।
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नेशनल हाईवे नंबर 19 पर अटोहा गांव के निकट धरने पर बैठे आंदोलनकारी बुंदेलखंड के किसानों ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में भूख हड़ताल की है।
बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है। तो इस सांकेतिक भूख हड़ताल को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा। अब तक देशभर में आंदोलन पर बैठे किसानों में से दर्जनों किसानों की जान जा चुकी है। अब भी केंद्र सरकार की नींद नहीं खुलती है तो इस आंदोलन को रणनीति बनाकर और तेज और प्रभावशाली रुख किया जाएगा।
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