राष्‍ट्रीय

Zomato के वेयरहाउस में खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन, एक्सपायर्ड प्रोडक्ट पर पाई गई बढ़ाई गई तारीख

हम सभी Zomato से खाना ऑर्डर करते समय यह उम्मीद करते हैं कि जो खाना हमें मिलेगा वह ताजा और स्वास्थ्यकर होगा। लेकिन हैदराबाद में जोमैटो के वेयरहाउस पर हाल ही में हुए छापे में खाद्य सुरक्षा में लापरवाही की कई चिंताजनक बातें सामने आईं।  इस निरीक्षण में यह पाया गया कि वेयरहाउस में रखे गए 18 किलो बटन मशरूम की पैकेजिंग पर भविष्य की तारीख लगी हुई थी। इसके अलावा, अधिकारियों ने पाया कि वेयरहाउस में मक्खियाँ थीं, और कुछ खाद्य हैंडलर्स के पास बाल कैप्स और एप्रन भी नहीं थे।

जोमैटो वेयरहाउस पर 29 अक्टूबर को हुआ निरीक्षण

यह निरीक्षण हैदराबाद के कुकटपल्ली स्थित जोमैटो के हाइपरप्योर वेयरहाउस में 29 अक्टूबर को किया गया था। यह वेयरहाउस एक खाद्य व्यवसाय संचालक (एफबीओ) द्वारा संचालित किया जाता है, जो राज्य लाइसेंस के साथ संचालित हो रहा है। यह एफबीओ होटलों, रेस्तरां और कैटरर्स को फलों, सब्जियों, मांस, समुद्री खाद्य पदार्थों, खास खाद्य पदार्थों, पैकेजिंग, उपयोगी वस्त्रों और रसोई उपकरणों की आपूर्ति करता है।

भविष्य की तारीख वाली पैकेजिंग – खाद्य सुरक्षा का उल्लंघन

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने इस निरीक्षण में पाया कि बटन मशरूम की पैकेजिंग पर 30 अक्टूबर 2024 की तारीख अंकित थी, जो उस समय की तारीख से आगे की थी। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार से भविष्य की तारीख डालना खाद्य सुरक्षा का उल्लंघन है। दिवाली के मौके पर मिठाई की दुकानों, मोमोज आउटलेट्स और शावरमा यूनिट्स पर हाल ही में किए गए निरीक्षणों में भी कई जगह स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के चलते खाद्य सुरक्षा के मुद्दों को प्रमुखता से उजागर किया गया था।

वेयरहाउस में मक्खियाँ और साफ-सफाई में कमी

वेयरहाउस के अंदर मक्खियाँ भी पाई गईं और कुछ खाद्य हैंडलर्स के पास बाल कैप्स और एप्रन नहीं थे। यह सब तब हुआ, जब वेयरहाउस के पास खाद्य संचालन का अपना लाइसेंस है, खाद्य हैंडलर्स के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी है, और कीट नियंत्रण के रिकॉर्ड भी हैं। इसके बावजूद इस प्रकार की साफ-सफाई की कमी गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि, जोमैटो की ओर से अब तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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जून में ब्लिंकिट वेयरहाउस पर भी हुई थी कार्रवाई

जोमैटो के अलावा जून में हैदराबाद के निकट मेदचल मलकाजगिरी जिले के देवर यम्जल में ब्लिंकिट के वेयरहाउस पर भी छापा मारा गया था। वहाँ भी, एक्सपायर्ड वस्त्रों को सप्लाई के लिए तैयार किया जा रहा था और दूषित खाद्य पदार्थ पाए गए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन खाद्य आपूर्ति करने वाली कंपनियों में भी कई बार लापरवाही होती है, जो ग्राहकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

खाद्य सुरक्षा के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता

इस तरह की घटनाओं से उपभोक्ताओं के मन में सुरक्षा के प्रति जागरूकता और संदेह दोनों बढ़ गए हैं। आज के समय में, उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों की ताजगी और गुणवत्ता की अपेक्षा होती है, लेकिन इस प्रकार के मामलों में लापरवाही से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

जोमैटो जैसे बड़े ब्रांड के लिए क्या हो सकता है भविष्य?

जोमैटो जैसी बड़ी कंपनियों के लिए इस तरह के मामले एक चेतावनी के रूप में कार्य कर सकते हैं। अगर कंपनियाँ अपने गुणवत्ता नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा प्रक्रियाओं को सुधारने में असमर्थ होती हैं, तो ग्राहकों का विश्वास खो सकती हैं। ग्राहकों का भरोसा जीतने और बनाए रखने के लिए कंपनियों को कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि खाद्य सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन हो।

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अंततः, जोमैटो के इस मामले ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता स्वास्थ्य के महत्व को उजागर किया है। सरकार और खाद्य सुरक्षा विभागों को चाहिए कि वे इस प्रकार की कंपनियों पर कड़ी निगरानी बनाए रखें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और गुणवत्ता के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं करना चाहिए।

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