विदेश मंत्री S. Jaishankar ने ‘Brand India’ के महत्व पर किया प्रकाश, वैश्विक मुद्दों में सक्रिय भूमिका की बात की
विदेश मंत्री S. Jaishankar ने शनिवार को ‘ब्रांड इंडिया’ की अवधारणा की प्रशंसा करते हुए इसे भारत की प्रामाणिकता का प्रतीक और विश्व बंधुत्व का संदेश बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल भारत की पहचान, अभिव्यक्ति और विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अब हम अपनी सच्ची पहचान में अधिक सहज महसूस कर रहे हैं।
‘इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव’ में वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि ‘ब्रांड इंडिया’ सिर्फ राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा ब्रांड है जो विश्व बंधुत्व का संदेश देता है। यह इस बात का संकेत है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत के क्वाड, ब्रिक्स, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान के मुद्दे, और वैश्विक उत्तर और दक्षिण के बीच संबंधों जैसे मुद्दों पर सक्रिय भूमिका का भी जिक्र किया।
हर देश की अपनी पहचान और उपलब्धियों का ब्रांड होता है
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हर देश का एक ब्रांड होता है, जो उसकी प्रतिष्ठा और उपलब्धियों पर आधारित होता है। जब कोई देश अपनी पहचान स्थापित करता है और उसे आसानी से पहचाना जाता है, तो वह एक मजबूत ब्रांड बन जाता है। “आज के भारत के लिए हमारी पहचान को सही तरीके से प्रस्तुत करना बेहद महत्वपूर्ण है। मेरा विचार है कि हम इसे कैसे हासिल करें, यह हमारी जिम्मेदारी है,” उन्होंने कहा।
स्वतंत्रता संग्राम और भारत की नई यात्रा
जयशंकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के सफर पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद भारत को अपनी पहचान स्थापित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। उस समय की परिस्थितियों को देखते हुए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। लेकिन अब भारत एक मजबूत राजनीति, मजबूत अर्थव्यवस्था और आशावादी समाज के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा, “आज का भारत अपनी ताकत को पहचानता है और अपनी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं पर गर्व करता है। हम अपनी शर्तों पर दुनिया से जुड़ रहे हैं। यही ‘ब्रांड इंडिया’ का सार है।”
वैश्विक मंच पर भारत की आर्थिक भूमिका
विदेश मंत्री ने कहा कि पहले भारत को वैश्विक स्तर पर ‘बड़े खिलाड़ी’ के रूप में देखा जाता था, लेकिन उससे ज्यादा अपेक्षाएं नहीं होती थीं। पिछले कुछ दशकों में इस सोच में बड़ा बदलाव आया है।
आज भारत न केवल एक मजबूत अर्थव्यवस्था है, बल्कि इसका इंफ्रास्ट्रक्चर – हवाई अड्डे, मेट्रो, हाईवे और रेलवे – अब वैश्विक मानकों को पूरा करता है। डिजिटल तकनीक को अपनाने में भारत की सफलता को उन्होंने सबसे प्रभावशाली बताया।
‘ब्रांड इंडिया’ का मतलब समझाया
जयशंकर ने बताया कि ‘ब्रांड इंडिया’ का मतलब है कि अब हम अपनी असली पहचान को समझते हैं और अपनी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति और परंपराओं के साथ तकनीकी प्रगति का तालमेल ‘ब्रांड इंडिया’ को सही मायनों में परिभाषित करता है।”
उन्होंने कहा कि भारत अब अपने सामर्थ्य को पहचानता है और अपनी शर्तों पर दुनिया से जुड़ता है। यह इस बात का संकेत है कि भारत अब विश्व बंधुत्व का संदेश देने और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
वैश्विक मंच पर भारत की सक्रिय भूमिका
जयशंकर ने बताया कि आज का भारत वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने क्वाड (QUAD), ब्रिक्स (BRICS), रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-ईरान के संबंध और वैश्विक उत्तर और दक्षिण के बीच संतुलन बनाने जैसे विषयों का जिक्र किया।
“हमारी पहचान अब सिर्फ क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं है। हम विश्व स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने और समाधान पेश करने में विश्वास रखते हैं,” उन्होंने कहा।
डिजिटल भारत: एक नई क्रांति
विदेश मंत्री ने डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए इसे ‘ब्रांड इंडिया’ का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में भारत ने जो प्रगति की है, वह पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है।
“आज, हमारे गांवों में भी डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हैं। आधार कार्ड और यूपीआई जैसे कार्यक्रम भारत को एक डिजिटल समाज में बदल रहे हैं। यह हमारी प्रामाणिकता और आधुनिकता का प्रतीक है।”
‘ब्रांड इंडिया’ का संदेश
जयशंकर ने ‘ब्रांड इंडिया’ के संदेश को दो शब्दों में समेटा – प्रामाणिकता और बंधुत्व। उन्होंने कहा कि भारत का यह ब्रांड उसकी वास्तविक पहचान, उसकी सांस्कृतिक विरासत और उसकी वैश्विक भूमिका को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “हमारी पहचान न केवल हमारे इतिहास और परंपराओं में है, बल्कि हमारे भविष्य के सपनों और उद्देश्यों में भी है। ‘ब्रांड इंडिया’ इसी संतुलन को प्रस्तुत करता है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन ने ‘ब्रांड इंडिया’ की नई परिभाषा और उसकी वैश्विक भूमिका को स्पष्ट किया। उनका यह संदेश भारतीय समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है। आज का भारत न केवल अपनी ताकत पहचानता है, बल्कि वैश्विक समस्याओं के समाधान का हिस्सा बनने के लिए भी तैयार है।
जयशंकर ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि भारत अब अपनी सच्ची पहचान के साथ खड़ा है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों को साथ लेकर आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है। यही ‘ब्रांड इंडिया’ का असली संदेश है – एक प्रामाणिक, सशक्त और वैश्विक भारत।