राष्‍ट्रीय

नहीं रहे पूर्व सीएम मनोहर जोशी

Former CM Manohar Joshi is no more

सत्य खबर ,नई दिल्ली । वरिष्ठ शिव सेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन हो गाय. उन्होंने रात 3 बजे हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 86 वर्ष के थे. बताया गया है कि 21 फरवरी को वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों का कहना है कि मनोहर जोशी को दिल का दौरा पड़ा और गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में उनका इलाज चल रहा था.

जानकारी के अनुसार, मनोहर जोशी का पार्थिव शरीर माटुंगा रूपारेल कॉलेज के पास स्थित उनके निवास पर सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक आखिरी दर्शन के लिए रखा जाएगा. दोपहर दो बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार दादर श्मशान भूमि में होगा.

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कई महीनों से थे अस्वस्थ
मनोहर जोशी का स्वास्थ्य पिछले साल मई से ही खराब चल रहा था. उस समय उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था. इसके बाद उन्हें हिंदुजा अस्पताल के आईसीयू में ले जाया गया था, जहां उनका इलाज किया गया था. चूंकि डॉक्टरों को ठीक होने की बहुत कम उम्मीद दिखाई दे रही थी इसलिए उन्हें अपने शिवाजी पार्क स्थित घर में वापस जाने के लिए कहा गया था, जहां उनकी देखभाल की जा रही थी.

मनोहर जोशी 2 दिसंबर को 86 साल के हो गए थे. उन्हें दादर स्थित उनके कार्यालय लाया गया था, जहां उनके समर्थकों ने उनका जन्मदिन मनाया था. उनके निधन के बाद समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने मनोहर जोशी के निधन पर दुख जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

बालासाहेब ठाकरे के सबसे भरोसेमंद नेता रहे
2 दिसंबर 1937 को महाराष्ट्र के महाड में जन्मे जोशी ने मुंबई के प्रतिष्ठित वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (वीजेटीआई) से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है. जोशी का राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होने से शुरू हुआ और बाद में वह शिव सेना के सदस्य बने. 1980 के दशक में जोशी शिवसेना के भीतर एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे, जो अपने संगठनात्मक कौशल और जमीनी स्तर से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे.

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मनोहर जोशी हमेशा बालासाहेब ठाकरे के सबसे भरोसेमंद और करीबी नेताओं में से एक रहे हैं. यही वजह रही है कि उन्हें साल 1995 में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया. पहली बार राज्य में शिवसेना ने सत्ता संभाली थी और उन्हें सीएम की कुर्सी सौंपी गई थी. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे. इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी.

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