Gukesh D: तमिल या तेलुगु? शतरंज चैंपियन की विरासत पर एमके स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू के बीच विवाद!
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Gukesh D: भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी गुकेश डोम्माराजू ने 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड तोड़ा है। गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब जीता और शतरंज की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस लंबी प्रतियोगिता में गुकेश ने 14वें गेम में डिंग लिरेन को हराया और काले मोहरे से यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की। अब, इस पर एक नई बहस शुरू हो गई है कि गुकेश का असली मूल कहाँ है—तमिलनाडु या आंध्र प्रदेश?
गुकेश डोम्माराजू का परिचय
गुकेश डोम्माराजू तेलुगु परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनका जन्म और पालन-पोषण चेन्नई में हुआ है। गुकेश के माता-पिता दोनों ही चिकित्सा पेशेवर हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शतरंज में उनकी रुचि अपेक्षाकृत देर से विकसित हुई, लेकिन जल्द ही उनका टैलेंट सामने आ गया। महज आठ साल की उम्र में गुकेश ने भारतीय शतरंज टीम का हिस्सा बनने के साथ-साथ FIDE रेटेड खिलाड़ी का दर्जा भी हासिल किया। इसने उनकी शतरंज के प्रति गहरी रुचि को स्पष्ट कर दिया।
एमके स्टालिन और चंद्रबाबू नायडू के बीच विवाद
गुकेश की उपलब्धि पर पूरे देश में खुशी की लहर है, लेकिन इसी बीच दो राज्यों, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच यह विवाद उठ गया है कि गुकेश किस राज्य का है। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है।
Congratulations to @DGukesh on becoming the youngest-ever World Chess Champion at 18!
Your remarkable achievement continues India's rich chess legacy and helps Chennai reaffirm its place as the global Chess Capital by producing yet another world-class champion.
Tamil Nadu is… pic.twitter.com/pQvyyRcmA1
— M.K.Stalin (@mkstalin) December 12, 2024
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “गुकेश की अद्भुत उपलब्धि… चेन्नई को एक और शतरंज चैंपियन पैदा करने के रूप में वैश्विक शतरंज राजधानी के रूप में फिर से स्थापित करने में मदद करेगा। तमिलनाडु को तुम पर गर्व है।” उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे युवा चैंपियन के गले में स्वर्ण पदक डालते हुए नजर आ रहे थे।
Hearty congratulations to our very own Telugu boy, Indian Grandmaster @DGukesh, on scripting history in Singapore by becoming the world's youngest chess champion at just 18! The entire nation celebrates your incredible achievement. Wishing you many more triumphs and accolades in… pic.twitter.com/TTAzV9CRbX
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) December 12, 2024
इसके दो मिनट बाद ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट किया, “हमारे तेलुगु लड़के को हार्दिक बधाई,” उन्होंने कहा। “देश भर में आपकी अद्वितीय उपलब्धि की सराहना की जा रही है। आने वाले दशकों में और भी सफलता और पुरस्कार प्राप्त करें,” नायडू ने अपने ट्वीट में लिखा।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
अब सोशल मीडिया पर यह बहस शुरू हो गई है कि गुकेश का असली मूल क्या है। कुछ उपयोगकर्ताओं का कहना है कि तमिलनाडु ने शतरंज के इस सितारे को महत्वपूर्ण वित्तीय मदद दी है और राज्य सरकार ने उसे 75 लाख रुपये का इनाम भी दिया है। एक X यूजर ने अप्रैल में एक समाचार रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा, “तमिलनाडु सरकार ने गुकेश के लिए जो काम किया है, उसे सराहना चाहिए।”
Hearty congratulations to our very own Telugu boy, Indian Grandmaster @DGukesh, on scripting history in Singapore by becoming the world's youngest chess champion at just 18! The entire nation celebrates your incredible achievement. Wishing you many more triumphs and accolades in… pic.twitter.com/TTAzV9CRbX
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) December 12, 2024
एक अन्य यूजर ‘Uravanna’ ने ट्वीट किया, “गुकेश डोम्माराजू, जो एक तेलुगु ग्रैंडमास्टर हैं, ने तमिलनाडु जैसी सक्रिय राज्य सरकार से समर्थन प्राप्त किया है, जिसने उनकी करियर को बढ़ावा दिया। अब तेलुगु राज्यों को भी तमिलों द्वारा टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए किए गए कार्यों का अनुसरण करना चाहिए।”
एक तीसरे यूजर ने तमिलनाडु के दावे का बचाव करते हुए कहा, “गुकेश एक तमिलियन है, ठीक उसी तरह जैसे मैं तमिलियन हूं। तमिलनाडु की शतरंज संस्कृति, तमिलनाडु का बुनियादी ढांचा और तमिलनाडु का महत्वपूर्ण योगदान उसकी सफलता में है। कोई और राज्य इस पर दावा नहीं कर सकता। हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह एक भारतीय है।”
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दावे
गुकेश की उपलब्धियों के बारे में कई लोग सोशल मीडिया पर इस बहस में कूद पड़े हैं। तमिलनाडु के लोग अपने राज्य का दावा कर रहे हैं क्योंकि चेन्नई में गुकेश का पालन-पोषण हुआ और राज्य सरकार ने उसकी शतरंज की यात्रा में मदद की। वहीं, आंध्र प्रदेश के लोग भी दावा कर रहे हैं क्योंकि गुकेश तेलुगु परिवार से हैं और राज्य के लोग उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
Gukesh is a Tamilian. Just like i am one. Tamil Nadu’s chess culture, Tamil Nadu’s infra and Tamil Nadu was instrumental in his success. No other state can take credit. Not that it matters. He is an indian. But finding his ancestry and caste in some part of the country is funny
— Venkataramana Reddy (@tirumuru_87) December 12, 2024
तमिलनाडु सरकार ने गुकेश को प्रोत्साहित करने के लिए 75 लाख रुपये की वित्तीय मदद दी थी, जबकि आंध्र प्रदेश सरकार भी गुकेश की उपलब्धियों को मान्यता दे रही है और उसे अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम मान रही है। इस पर सोशल मीडिया पर अलग-अलग विचार सामने आए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वह एक भारतीय हैं और पूरे देश का गर्व हैं।
कौन सही है?
इस पूरी बहस का सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राज्य की पहचान और राज्य सरकारों की मदद से किसी खिलाड़ी की सफलता का निर्धारण होता है? क्या इसे क्षेत्रीय पहचान से जोड़ना जरूरी है या हमें यह समझना चाहिए कि एक खिलाड़ी की सफलता देश के लिए गर्व की बात होती है, न कि किसी विशेष राज्य के लिए?
आखिरकार, गुकेश ने जिस तरह से शतरंज की दुनिया में अपना नाम रोशन किया है, वह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने अपने अद्वितीय कौशल और समर्पण के साथ यह साबित किया कि भारत में शतरंज के क्षेत्र में अद्वितीय टैलेंट है।
गुकेश डोम्माराजू ने अपनी मेहनत और लगन से शतरंज की दुनिया में इतिहास रचा है। हालांकि, अब सोशल मीडिया और राजनीति में यह बहस चल रही है कि वह किस राज्य से संबंधित हैं, लेकिन हमें इस बात को समझना चाहिए कि वह भारतीय हैं और उनकी सफलता पूरे देश का गर्व है। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश दोनों ही गुकेश की सफलता में योगदान देने वाले राज्य हो सकते हैं, और यह जरूरी नहीं कि उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाए। असल में, उनकी सफलता पूरी तरह से भारत के शतरंज के गौरव का प्रतीक है।