Gurpreet Singh murder case: फरीदकोट पुलिस ने दो शूटरों के स्केच जारी किए, अमृतपाल और अर्श डल्ला भी आरोपी
Gurpreet Singh murder case: फरीदकोट, पंजाब में गुरप्रीत सिंह हत्या मामले में नया मोड़ आया है। जिले की पुलिस ने गुरप्रीत सिंह को गोली मारने वाले दो शूटरों के स्केच जारी किए हैं। गुरप्रीत सिंह, जो गांव हरिनौ का निवासी था, 9 अक्टूबर को दो मोटरसाइकिल सवार शूटरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिया गया था। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुल छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें खालिस्तानी समर्थक और खडूर साहिब से स्वतंत्र सांसद अमृतपाल सिंह और गैंगस्टर अर्श डल्ला भी शामिल हैं।
मामला और जांच की प्रगति
गुरप्रीत सिंह की हत्या के बाद, पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। हाल ही में, इन तीनों आरोपियों की रिमांड खत्म होने के बाद, पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने अदालत में तर्क दिया कि आरोपियों से पूछताछ के लिए अतिरिक्त रिमांड की आवश्यकता है। इसके बाद, अदालत ने तीन दिनों की अतिरिक्त पुलिस रिमांड की मंजूरी दी है। आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने गुरप्रीत सिंह की हत्या से पहले उसकी रैकी की थी।
गुरप्रीत सिंह, जो कि पंथिक संगठनों से जुड़े थे, को मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उस समय गोली मारी जब वह एक महिला उम्मीदवार के लिए सरपंच के चुनाव में प्रचार करके घर लौट रहे थे। उन्हें गंभीर रूप से घायल होने के बाद गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के अनुसार, गुरप्रीत सिंह को कुछ समय पहले ही जान से मारने की धमकी मिली थी।
अर्श डल्ला का वायरल ऑडियो
गुरप्रीत सिंह हत्या मामले में पंजाब पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद, एक alleged ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें अर्श डल्ला का दावा है कि अमृतपाल का इस हत्या से कोई संबंध नहीं है। डल्ला ने कहा कि उसने खुद यह हत्या करवाई है और इसमें अमृतपाल का कोई हाथ नहीं है। हालाँकि, अमर उजाला इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। इस ऑडियो के वायरल होने के बाद, पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमृतपाल का इस मामले में involvement का सबूत मौजूद है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का महत्वपूर्ण बिंदु
डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस मामले का मास्टरमाइंड अर्शदीप सिंह डल्ला है। उन्होंने कहा, “हमारी जांच तथ्यों के आधार पर हो रही है, और अमृतपाल का रोल भी स्पष्ट हो चुका है।” उन्होंने यह भी कहा कि गुरप्रीत सिंह की हत्या 9 अक्टूबर को हुई थी जब वह अपने समर्थक के लिए सरपंच का चुनाव प्रचार करके घर लौट रहे थे।
मामले का संदर्भ और राजनीतिक पृष्ठभूमि
गुरप्रीत सिंह की हत्या का मामला पंजाब के राजनीतिक माहौल में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कई स्थानीय नेता और पंथिक संगठन इस हत्या के बाद पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह हत्या ऐसे समय में हुई है जब पंजाब में आतंकवाद और अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। विशेष रूप से, खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों में वृद्धि ने राज्य सरकार के लिए एक चुनौती उत्पन्न कर दी है।
पुलिस की सक्रियता
फरीदकोट पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच तेज कर दी है। पुलिस ने संदिग्धों की पहचान के लिए विशेष टीमों का गठन किया है और स्थानीय लोगों से भी जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।