Haryana DGP का बड़ा कदम, अली खान के खिलाफ FIR की जांच को लेकर बनी विशेष टीम

Haryana पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर दर्ज FIR की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। यह FIR इंटरनेट मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते दर्ज की गई थी। इस SIT की अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) ममता सिंह करेंगी। टीम में करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया और गुरुग्राम STF के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण को सदस्य बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित हुई विशेष जांच टीम
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने बुधवार को प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत देते हुए यह आदेश दिया था कि हरियाणा पुलिस का डीजीपी 24 घंटे के भीतर IG रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT का गठन करे। इसमें एक महिला SP स्तर की अधिकारी का होना अनिवार्य बताया गया था। कोर्ट ने यह निर्देश 21 मई को दिया था, जिसके बाद पुलिस महानिदेशक ने आदेश जारी करते हुए ममता सिंह की अध्यक्षता में SIT बना दी है। ममता सिंह वर्तमान में सोनीपत की पुलिस आयुक्त भी हैं।
दो एफआईआर की होगी त्वरित जांच और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
डीजीपी द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह SIT 17 मई को दर्ज की गई FIR की जांच करेगी। इस मामले में कुल दो FIR दर्ज की गई हैं। एक FIR राय थाना सोनीपत में हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया की शिकायत पर दर्ज की गई है। दूसरी FIR बीजेपी युवा नेता और सरपंच योगेश जाठेड़ी की शिकायत पर दर्ज की गई है। SIT को इन दोनों एफआईआर की जांच BNSS 2023 (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 193 के तहत जल्द से जल्द पूरी कर रिपोर्ट सौंपनी होगी। अली खान महमूदाबाद को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी से देश की एकता पर खतरे का आरोप
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विवादित टिप्पणी की थी जिससे देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा पहुंचा। इस टिप्पणी के बाद दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गईं जिनमें कहा गया कि प्रोफेसर के बयानों से सार्वजनिक भावना को ठेस पहुंची और देशविरोधी मानसिकता को बढ़ावा मिला। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और पुलिस को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि SIT इस मामले में कितनी तेजी और निष्पक्षता से जांच करती है।