हरियाणा

Haryana: आर्म्स एक्ट में बरी रजनीश को नौकरी देने का आदेश क्या बदलेगा ये फैसला हजारों की किस्मत!

Haryana: हरियाणा से आई इस बड़ी खबर में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि सिर्फ एफआईआर दर्ज होने के आधार पर किसी को नौकरी देने से इनकार नहीं किया जा सकता। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति छोटे अपराध में दोषी पाया गया हो तब भी उसे नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता। यह आदेश कोर्ट ने उस अपील को खारिज करते हुए दिया है जो केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ लगाई थी।

सोनिपत निवासी रजनीश को मिली राहत

पूरा मामला सोनिपत के रहने वाले रजनीश से जुड़ा है। रजनीश को सशस्त्र सीमा बल (SSB) में नियुक्ति के आदेश दिए गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। दरअसल सिंगल बेंच ने पाया था कि रजनीश के जॉइन करने से पहले ही सोनिपत की अदालत ने उसे आर्म्स एक्ट के मामले में बरी कर दिया था। इतना ही नहीं रजनीश ने अपने आवेदन फॉर्म में लंबित आपराधिक मामले की जानकारी भी दी थी। सिंगल बेंच ने इसे नौकरी देने से मना करने का गलत आधार माना और उसकी नियुक्ति के आदेश दिए थे।

Haryana Covid: सांस की तकलीफ ने छीनी जान, कोरोना पॉजिटिव मरीज को नहीं बचा सके डॉक्टर
Haryana Covid: सांस की तकलीफ ने छीनी जान, कोरोना पॉजिटिव मरीज को नहीं बचा सके डॉक्टर

Haryana: आर्म्स एक्ट में बरी रजनीश को नौकरी देने का आदेश क्या बदलेगा ये फैसला हजारों की किस्मत!

केंद्र सरकार की अपील पर हाईकोर्ट का जवाब

केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के इस आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए डिवीजन बेंच में अपील की थी और कहा था कि इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सभी तर्क सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने कहा कि सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया है और उसमें कोई गलती नहीं है। इसलिए केंद्र सरकार की अपील को खारिज किया जाता है।

Kaithal News: कैथल में नौकरी के नाम पर ठगी! पुलिस ने दूसरे आरोपी हितेश को धर दबोचा
Kaithal News: कैथल में नौकरी के नाम पर ठगी! पुलिस ने दूसरे आरोपी हितेश को धर दबोचा

कानूनी व्यवस्था पर बड़ा संकेत

इस फैसले ने साफ संदेश दिया है कि सिर्फ एफआईआर या छोटे अपराधों के कारण किसी के भविष्य के मौके नहीं छीने जा सकते। अदालत ने यह भी माना कि अगर कोई व्यक्ति ईमानदारी से अपने केस की जानकारी देता है और कोर्ट से बरी हो जाता है तो उसे नौकरी से रोका नहीं जा सकता। यह फैसला उन सभी युवाओं के लिए राहत की खबर है जिन पर गलत आरोप लगते हैं लेकिन वे अपने भविष्य को लेकर डरे रहते हैं।

Back to top button