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Haryana: केंद्रीय मंत्री Moolchand Sharma के सख्त आदेश, राशन डिपो की आवंटन में एकाधिकार नहीं चलेगा

Haryana के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री Moolchand Sharma ने विभागीय अधिकारियों को समय पर जनता को राशन प्रणाली के तहत राशन प्राप्त होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जहां जरूरत हो, वहां शीघ्र ही डिपो को खोला जाएगा, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि किसी डिपो धारक को डिपो की आवंटन में एकाधिकार नहीं होने दिया जाए।

Haryana: केंद्रीय मंत्री Moolchand Sharma के सख्त आदेश, राशन डिपो की आवंटन में एकाधिकार नहीं चलेगा

Moolchand Sharma ने विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग जनता से जुड़ा एक बहुत महत्वपूर्ण विभाग है और इसकी विश्वसनीयता को बनाए रखने की सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। मुख्यालयी अधिकारीयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि POS मशीनों की खरीदी के लिए निविदा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 को 20 अगस्त, 2013 से राज्य में लागू किया गया था, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना परिवार और प्राथमिक परिवारों के लाभार्थियों को शामिल किया गया है। राज्य में 2.92 लाख अंत्योदय अन्न योजना राशन कार्ड और 43.33 लाख BPL कार्ड हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मासिक रूप से 98 लाख मेट्रिक टन अनाज की आवश्यकता है, जिसमें भारत सरकार 66,250 मेट्रिक टन गेहूं का आवंटन करती है, बाकी 31,000 मेट्रिक टन गेहूं की खरीद राज्य सरकार अपने खर्चे से करती है। अधिनियम के तहत, अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को प्रति सदस्य 35 किलो गेहूं और BPL परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलो गेहूं दिया जाता है। परिवार पहचान पत्र के तहत प्रमाणित वर्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से अधिक वाले परिवारों को राज्य सरकार की अंत्योदय आहार योजना के तहत प्रति मास 2 लीटर सरसों तेल भी दिया जाता है। राज्य सरकार हर महीने गेहूं पर 89 करोड़ रुपये, सरसों तेल पर 95 करोड़ रुपये और शक्कर पर 11.13 करोड़ रुपये खर्च करती है।

इस बैठक में यह भी बताया गया कि 2023-24 खरीफ मौसम में हरियाणा ने केंद्रीय भंडारण में 58.94 लाख मेट्रिक टन धान और रबी मौसम में 69.06 लाख मेट्रिक टन गेहूं योगदान किया। 2021-22 से खाद्य अनाज की खरीदी ई-खरीदी पोर्टल से की जा रही है और पैसे सीधे किसानों के खातों में भेजे जा रहे हैं। मंत्री ने दिशा दी कि मंडियों में फसल खरीदी का उठाव समय पर सुनिश्चित किया जाए।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, निदेशक मुकुल कुमार और विभाग के अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

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