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Himachal Pradesh: शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण पर भारी हंगामा, सुखु के मंत्री ने कहा – तुरंत गिराओ

Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध रूप से बनाई गई एक मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। संजौली क्षेत्र में बनी इस मस्जिद को लेकर राज्य के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसे अवैध करार दिया है और इसके निर्माण को तुरंत हटाने की मांग की है। इस विवाद के चलते शिमला के चौड़ा मैदान में हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसके चलते प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है।

Himachal Pradesh: शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण पर भारी हंगामा, सुखु के मंत्री ने कहा - तुरंत गिराओ

अवैध मस्जिद निर्माण का आरोप

यह मस्जिद संजौली के बाजार के पास बनाई गई है, और इसके दो मंजिलों को अवैध बताया जा रहा है। स्थानीय हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मस्जिद नियमों के खिलाफ बनाई गई है और इसे तुरंत ध्वस्त किया जाना चाहिए। इस मस्जिद के निर्माण के बाद से ही क्षेत्र में तनाव का माहौल है और रविवार को इस मुद्दे पर भारी विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने संजौली के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में पुलिस बल तैनात किया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

सरकार की प्रतिक्रिया

हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिद निर्माण को अवैध बताया और दावा किया कि यह बाहरी लोगों द्वारा बनाया गया है। उन्होंने तुरंत इस अवैध निर्माण को गिराने की मांग की है। उनके अनुसार, हिमाचल प्रदेश में कानून का पालन किया जाना चाहिए और किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

संजौली के बाजार में स्थित इस मस्जिद के निर्माण ने स्थानीय लोगों के बीच भी नाराजगी पैदा कर दी है। उनका कहना है कि इस निर्माण के लिए कोई उचित अनुमति नहीं ली गई थी और इसे अवैध रूप से खड़ा किया गया है।

हिंदू संगठनों का विरोध

मस्जिद निर्माण के खिलाफ स्थानीय हिंदू संगठनों ने चौड़ा मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि मस्जिद को जल्द से जल्द गिराया जाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि यदि प्रशासन ने इस मस्जिद को नहीं हटाया, तो वे और बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु की प्रतिक्रिया

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और इस मुद्दे को संवैधानिक दायरे में ही सुलझाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मस्जिद अवैध पाई जाती है, तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले को साम्प्रदायिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए और प्रदेश में शांति और सद्भाव बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

प्रशासनिक कार्रवाई

स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया है। प्रशासन के अनुसार, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।

वहीं, मस्जिद के अवैध निर्माण की जांच की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि मस्जिद के निर्माण के लिए अगर कोई कानूनी अनुमति नहीं ली गई थी, तो इसे गिराने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि कानून के अनुसार ही इस मामले को हल किया जाएगा।

विवाद के संभावित प्रभाव

इस विवाद के कारण शिमला में तनाव का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोग और हिंदू संगठनों के सदस्य इस मुद्दे को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। हालांकि, सरकार और प्रशासन ने अभी तक स्थिति को नियंत्रण में रखा है, लेकिन इस विवाद का असर राज्य की राजनीति पर भी पड़ सकता है।

अवैध निर्माण और धार्मिक स्थलों से जुड़े मुद्दे अक्सर संवेदनशील होते हैं और इनका समाधान कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए। इस विवाद से यह सवाल भी उठता है कि आखिरकार कैसे और क्यों अवैध निर्माण की अनुमति दी गई और स्थानीय प्रशासन ने इस पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया।

निष्कर्ष

संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण का विवाद हिमाचल प्रदेश के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। राज्य सरकार और प्रशासन पर दबाव है कि वे जल्द से जल्द इस मामले का समाधान करें और स्थिति को नियंत्रण में रखें।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु और मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस मामले को लेकर जो बयान दिए हैं, उससे यह स्पष्ट है कि सरकार कानून का पालन करने के पक्ष में है और अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

आगे के दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले का समाधान कैसे निकाला जाता है और क्या प्रशासन और सरकार इस तनावपूर्ण स्थिति को शांति से सुलझाने में सफल हो पाते हैं।

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