ताजा समाचार

गृह मंत्री Amit Shah ने आईटीबीपी के बहादुर जवानों की सराहना की, ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को लेकर दी महत्वपूर्ण जानकारी

गृह मंत्री Amit Shah ने हाल ही में भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों की बहादुरी और समर्पण की सराहना की है। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को उनकी कड़ी मेहनत और कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए बधाई दी। शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट के माध्यम से आईटीबीपी के जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि ‘देश को गर्व है उन आईटीबीपी के जवानों पर जो कठिन परिस्थितियों और मौसम में भी देश की सीमा और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।’

इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के माध्यम से आईटीबीपी सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दे रहा है। यह कार्यक्रम भारत के सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए शुरू किया गया है ताकि वहां रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और इन गांवों की जनसंख्या न केवल बनी रहे, बल्कि बढ़ भी सके।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का महत्व

गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को सुधारने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य उन गांवों को बेहतर सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है ताकि वहां की जनसंख्या बढ़े और लोग इन क्षेत्रों में बसने के लिए प्रेरित हों।

Punjab News: पाकिस्तान से लगते पंजाब के छह जिलों में आज स्कूल बंद! सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला
Punjab News: पाकिस्तान से लगते पंजाब के छह जिलों में आज स्कूल बंद! सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला

उन्होंने यह भी कहा कि आईटीबीपी को सीमावर्ती गांवों में विकास कार्यों को पूरा करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। इससे न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि सेना और स्थानीय लोगों के बीच सहयोग और तालमेल भी बढ़ेगा।

अनिल बलूनी का आईटीबीपी जवानों के साथ समय बिताना

भा.ज.पा. के सांसद अनिल बलूनी, जो उत्तराखंड के गढ़वाल से प्रतिनिधित्व करते हैं, ने शुक्रवार को आईटीबीपी के जवानों के साथ समय बिताया। उन्होंने उन्हें ‘हिमवीर’ कहकर संबोधित किया, जो देश की सुरक्षा के लिए कठिन मौसम और ऊंचाई पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।

अनिल बलूनी ने बताया कि यह एक अद्भुत अनुभव था, और उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि देश के हर नागरिक को इन वीर जवानों पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि ये जवान हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और हमेशा मातृभूमि की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

आईटीबीपी जवानों के समर्पण की सराहना

मध्य हिमालय में तैनात आईटीबीपी के जवान, जो अत्यधिक ठंडे और कठिन वातावरण में अपनी सेवाएं देते हैं, उनकी सराहना करते हुए अनिल बलूनी ने कहा कि हर भारतीय को इन सैनिकों पर गर्व होना चाहिए। ये जवान अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और हमें सुरक्षा का अहसास दिलाते हैं।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हिमाद्री तुंग शृंग से प्रभुद्ध शुद्ध भारती, स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती।” यह शेर इस बात का प्रतीक है कि हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में भी अपनी प्रेरणा और देश के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हैं।

आईटीबीपी के ‘हिमवीर’ की दिनचर्या का अनुभव

अनिल बलूनी ने बताया कि उन्हें आईटीबीपी के जवानों के साथ उनकी दैनिक दिनचर्या जीने का अवसर मिला। उन्होंने महसूस किया कि यह जवान अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा करते हैं, और उनका समर्पण एवं देशप्रेम किसी से कम नहीं है। उन्होंने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा कि ‘ये जवान असली नायक हैं जो हमारे देश की सुरक्षा में हर क्षण अपनी जान की बाजी लगाते हैं।’

यह अनुभव न केवल बलूनी के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि उन्होंने यह भी महसूस किया कि हमारे देश के हर नागरिक को इन सैनिकों की बहादुरी और समर्पण को समझना चाहिए। ये सैनिक न केवल अपने देश के लिए बलिदान देते हैं, बल्कि वे हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करने वाले असली हीरो हैं।

Punjab News: पंजाब सरकार का BBMB पर बड़ा आरोप! पानी के वितरण में नियमों का उल्लंघन
Punjab News: पंजाब सरकार का BBMB पर बड़ा आरोप! पानी के वितरण में नियमों का उल्लंघन

आईटीबीपी का महत्व और योगदान

आईटीबीपी की स्थापना 1962 में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय-तिब्बत सीमा की सुरक्षा करना है। यह बल विशेष रूप से कठिन पर्वतीय इलाकों और बर्फीली सीमाओं पर तैनात किया जाता है, जहां जवानों को अत्यधिक ठंड और कठिन वातावरण का सामना करना पड़ता है। आईटीबीपी के जवानों की शारीरिक और मानसिक स्थिति इस कड़ी सेवा के लिए अनुकूलित होती है, और इन्हें दुर्गम क्षेत्रों में अत्यधिक व्यायाम और ट्रेनिंग के माध्यम से तैयार किया जाता है।

आईटीबीपी के जवान न केवल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी राहत कार्यों में सक्रिय रहते हैं। उन्होंने 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ और अन्य कई राहत अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आईटीबीपी के जवानों की समर्पण और कठिन परिस्थितियों में उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गृह मंत्री अमित शाह और सांसद अनिल बलूनी जैसे नेताओं का इन जवानों की बहादुरी और उनकी कड़ी मेहनत को उजागर करना हमारे समाज में इन सैनिकों के प्रति आदर और सम्मान को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम जैसी योजनाएं सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि हमारे जवान न केवल अपनी जान की आहुति देकर देश की सुरक्षा करते हैं, बल्कि वे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की भलाई के लिए भी काम करते हैं।

हम सभी को अपने सैनिकों पर गर्व करना चाहिए और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए, जो हमारे देश की सीमाओं पर हमेशा चौकस रहते हैं, ताकि हम शांति और सुरक्षा से जीवन जी सकें।

Back to top button